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जनता को राहत पहुंचाने वाली कई स्कीम्स पर मोदी सरकार उठा सकती है कदम

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नई दिल्ली। बीजेपी को प्रचंड बहुमत मिलने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दूसरे कार्यकाल के लिए पूरी तरह तैयार हैं, वहीं लोगों की नजर अगले बजट पर है जो कि जून में पेश हो सकता है। इनकम टैक्स, हाउजिंग स्कीम में विस्तार, पेंशन स्कीम, आधार-संबंधी संशोधन, डिजिटल पेमेंट और टैक्स ऐडमिनिस्ट्रेशन ऐसे कुछ महत्वपूर्ण स्कीम हैं, जिनपर सरकार कदम उठा सकती है।

इनकम टैक्स में आगामी बजट में और हो सकती है कटौती

सूत्रों के अनुसार, अंतरिम बजट में 5 लाख रुपये तक की आमदनी पर इनकम टैक्स छूट दी गई थी, जिसे बरकरार रखा जा सकता है। इसके अलावा, पूर्ण बजट में मिडिल क्लास के लिए इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव किया जा सकता है। इनकम टैक्स निवेश छूट सीमा 1।50 लाख रुपये से बढ़ाई जा सकती है। 50 सालों से चले आ रहे इनकम टैक्स कानून में बदलाव किया जा सकता है। सरकार ने इसके लिए अलग से टास्क फोर्स बनाया है। यह टास्क फोर्स 31 मई को अपनी रिपोर्ट दे सकती है। इसकी सिफारिशों को बजट में लागू किया जा सकता है।

50 साल पुराने आईटी ऐक्ट को रिप्लेस किया जा सके

2017 में मोदी सरकार ने डायरेक्ट टैक्स को लेकर नए कानून और कोड तैयार करने की दिशा में एक टास्क फोर्स गठित किया था, ताकि 50 साल पुराने आईटी ऐक्ट को रिप्लेस किया जा सके। टास्क फोर्स को 28 फरवरी को अपनी रिपोर्ट पेश करनी थी, जिसकी डेट बढ़कर 31 मई हो गई। संभवतः पीएम मोदी दूसरे कार्यकाल में मौजूदा आईटी ऐक्ट को बदल सकती है।

आधार दस्तावेज को किया जा सकता है अनिवार्य

आधार को केवाईसी के लिए लागू किया जा सकता है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद आधार का प्रयोग, बैंक खाते और मोबाइल सिम समेत कई वित्तीय और गैर-वित्तीय लेनदेन के लिए लेने के लिए अनिवार्य नहीं रह गया था। इसके बाद सरकार एक विधेयक लेकर के आई थी। इसमें आधार का प्रयोग केवाईसी के लिए करने का प्रावधान है। फिलहाल विधेयक लोकसभा में पास हो गया है और राज्यसभा में लंबित है।

नोटबंदी के बाद क्लीन मनी कैम्पेन

बीजेपी के पिछले कार्यकाल में नोटबंदी के बाद क्लीन मनी कैम्पेन देखने को मिला। टैक्स से जुड़े नियम कानूनों में सुधार देखा गया, ताकि लीकेज को रोका जा सके और कैश ट्रांजैक्शन पर नजर रखी जा सके। यह अगली सरकार में भी जारी रहने की संभावना है।

वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन्वेस्टमेंट

2018 के बजट में मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री वय वंदना योजना के तहत वरिष्ठ नागरिकों के लिए इन्वेस्टमेंट की राशि बढ़ाकर 15 लाख कर दी थी। साथ ही, योजना की अवधि 31 मार्च, 2020 तक के लिए बढ़ा दी गई है। चूंकि यह योजना मोदी सरकार ने पेश की है तो उम्मीद की जा रही है कि इसे आगे और विस्तार दिया जा सकता है।

होम लोन सब्सिडी स्कीम

मौजूदा समय में मध्यम वर्गीय होम लोन लेने वालों के लिए क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम मार्च 2020 में खत्म हो रही है। संभवना है कि यह स्कीम आगे 2022 तक के लिए बढ़ाई जा सकती है। दरअसल, यह सरकार के सभी के लिए घर के लक्ष्य को पूरा करने में मदद कर सकता है।

स्टमर प्रोटेक्शन उपाय पेश करेगा- रिज़र्व बैंक

2014 में सरकार बनाने के बाद मोदी सरकार का ध्यान डिजिटल मोड में वित्तीय लेन-देन को बढ़ावा देने पर था। यह प्रक्रिया जारी रहने की उम्मीद है। बता दें कि रिजर्व बैंक ने भी यह घोषणा की है कि वह जल्द ही ऐसे कस्टमर प्रोटेक्शन उपाय पेश करेगा, ताकि लोगों में इलेक्ट्रॉनिक पेमेंट चैनल को लेकर भरोसा पैदा हो सके।

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