अयोध्या। जगद्गुरु वासुदेवानंद सरस्वती बुधवार को अयोध्या पहुंचे। वे श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य भी हैं। यहां उन्होंने कहा- विशाल राम मंदिर निर्माण की मांग करने वाले स्वयं विशालता की परिभाषा बताएं। जिस मॉडल को भारत की पूरी जनता ने स्वीकार किया है उसी के अनुरूप राम मंदिर बनेगा। यह मॉडल करोड़ों हिंदुओं के दिल में बसा है। इसका पूजन घर-घर हो चुका है। उन्होंने कहा कि जो लोग विश्व का सबसे ऊंचा राम मंदिर बनाने की बात कर रहे हैं, मैं उनको नहीं जानता पर मैं उनसे पूछता हूं कि कितना ऊंचा मंदिर बनाना चाहते हैं। कुछ संत मंदिर निर्माण को लेकर बुद्धि की विपरीतता का प्रदर्शन न करें।
महंत नृत्यगोपालदास से मुलाकात
जगद्गुरु वासुदेवानंद ने ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपालदास से मुलाकात की। शाम 5 बजे वे श्रीराम जन्मभूमि परिसर में पहुंचेंगे। परिसर में हो रहे समतलीकरण के कार्यों का जायजा लेंगे। उन्होंने कहा- समतलीकरण और मिट्टी बैठने के बाद निर्माण कार्य शुरू होगा। हाल ही में डॉक्टर रामविलास दास वेदांती के नेतृत्व में कुछ संतों ने राम मंदिर को विश्व का सबसे ऊंचा व विशाल मंदिर बनाए जाने की मांग की थी। यह भी कहा था कि, इसके लिए नया नक्शा बनाया जाए।
संगमरमर के पत्थर से मंदिर बनाने पर जगद्गुरु वासुदेवानंद ने कहा कि संगमरमर का पत्थर है कहां? मकराना उदयपुर वह जयपुर में मकराना के पत्थर नहीं हैं। ये कचरे पत्थर हैं, जो 10 साल में टूट जाएंगे। स्वामी वासुदेवानंद रामलला का दर्शन करने और ट्रस्ट के अध्यक्ष के जन्मोत्सव की बधाई देने वे रामनगरी पहुंचे हैं। सरकार बनती रहेगी और मंदिर का काम होता रहेगा। उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण में सीमेंट गारे से जुड़ाई होकर सुखाना नहीं, केवल पत्थरों को सेट करते जाना है। ऐसे में मंदिर का निर्माण कम समय में ही पूरा हो जाएगा।