Home National भारत-नेपाल के बीच असाधारण संबंध, इसे कोई ताकत नहीं तोड़ सकती: राजनाथ...

भारत-नेपाल के बीच असाधारण संबंध, इसे कोई ताकत नहीं तोड़ सकती: राजनाथ सिंह

1077
0
  • नेपाल ने नए नक्‍शे में भारत के कई इलाकों को किया है शामिल, संसद से भी किया पास।
  • भारत ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड बनाई तो चिढ़ गया नेपाल, दिखा रहा तेवर।
  • भारत लगातार कर रहा बातचीत की पेशकश लेकिन नेपाल की तल्‍खी कम नहीं हो रही।
  • राजनाथ सिंह ने कहा- नेपाल को गलतफहमी, बातचीत के जरिए मामले को सुलझाएंगे

नई दिल्‍ली। नेपाल के साथ चल रहे सीमा विवाद पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बातचीत की वकालत की है। रक्षा मंत्री ने कहा कि नेपाल को कुछ ‘गलतफहमी’ है जिसे बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है। वह उत्‍तराखंड के बीजेपी कार्यकर्ताओं को ‘जन संवाद’ कार्यक्रम के तहत संबोधित कर रहे थे, जब उन्‍होंने नेपाल का मुद्दा उठाया। उत्‍तराखंड से लगती सीमा पर ही नेपाल ने तनाव पैदा किया है। रक्षा मंत्री ने कहा कि ‘भारत-नेपाल के बीच असाधारण संबंध हैं, हमारे बीच रोटी-बेटी का रिश्ता है और दुनिया की कोई ताकत इसे तोड़ नहीं सकती।

लिंक रोड से नेपाल में पैदा हुई गलतफहमी
सिंह ने बीजेपी कार्यकर्ताओं से बातचीत में कहा कि पहले मानसरोवर जाने वाले यात्री सिक्किम के नाथुला होकर जाते थे, जिससे अधिक समय लगता था। बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन ने लिपुलेख तक एक लिंक रोड का निर्माण किया, जिससे मानसरोवर जाने के लिए एक नया रास्ता खुल गया। हमारे पड़ोसी देश नेपाल में इस सड़क को लेकर कुछ गलतफहमियां पैदा हुई हैं। जिसे हम बातचीत के जरिए सुलझाएंगे। लिपुलेख में बनाई गई सड़क एकदम भारतीय सीमा के भीतर है।

नेपाल-भारत की दोस्‍ती पर जोर
राजनाथ ने नेपाल को भारत के साथ उसकी याद दिलाने की कोशिश की। उन्‍होंने कहा, “नेपाल के साथ हमारे केवल सामाजिक, भौगोलिक, ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रिश्ते ही नहीं बल्कि आध्यात्मिक रिश्ते भी हैं। भारत-नेपाल का रिश्ता ‘रोटी-बेटी’ का है। दुनिया की कोई भी ताकत इस रिश्ते को तोड़ नहीं सकती। हमारे यहां गोरखा रेजिमेंट ने समय-समय पर अपने शौर्य का परिचय दिया है। उस रेजिमेंट का उद्घोष है कि “जय महाकाली आयो री गोरखाली”। महाकाली तो कोलकाता में कामाख्या में और विंध्याचल में सब जगह विद्यमान हैं और महाकाली के भक्त तो उत्तराखंड के गांव-गांव में मिल जाते हैं तो कैसे भारत और नेपाल का रिश्ता यह टूट सकता है। इसलिए धारचूला के आगे कितनी भी तारें लगा दी जाएं, बहनों भाइयों इन संबंधों को काटा नहीं जा सकता।

मिल-बैठकर निकालेंगे विवाद का हल
सिंह ने नेपाल के नागरिकों को विश्‍वास दिलाते हुए कहा, “मैं विश्वास के साथ कहना चाहता हूं कि भारतीयों के मन में कभी भी नेपाल को लेकर किसी भी प्रकार की कटुता पैदा हो ही नहीं सकती है। इतना गहरा संबंध हमारे साथ नेपाल का है। हम मिल बैठकर इन सब समस्याओं का समाधान करेंगे।

नेपाल ने अपना रखा भारत विरोधी रुख
पिछले कुछ दिनों से नेपाल के तेवरों में चीन का असर साफ देखा जा रहा है। पहले उसने लिपुलेख लिंक रोड पर आपत्ति जताई। फिर अपने देश का नया नक्‍शा जारी करते हुए भारत के कई इलाकों को अपने सीमा में शामिल कर लिया। उसके बाद बिहार से लगे बॉर्डर पर अचानक नेपाली सशस्‍त्र पुलिस ने गोलियां बरसा दीं। हमले में एक भारतीय नागरिक की मौत हो गई और दो घायल हो गए।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here