मुंबई। कहा जाता है कि जिसका आगाज अच्छा हो उसका अंजाम भी अच्छा होता है। इसी बात का अनुभव महिला कलाकारों कंचन महंते, पूजा आनंद, निमिषा भंसाली, स्वाति राखोंडे तथा विशाखा ठक्कर ने किया, जो साधारण गृहिणीया हैं और शौक से कलाकार हैं। इन 5 महिलाओं ने अपनी प्रतिभा के दम पर आकर्षक पेंटिंग्स बनाई है जिस स्वरूप ग्रुप ऑफ़ इंडस्ट्रीज ने पेंटिंग्स प्रदर्शनी का आयोजन किया इन्हीं पेंटिंग्स को प्रदर्शित करने के लिए 9 से 15 अप्रैल तक नेहरू सेंटर वर्ली में छठे तत्व नामक प्रदर्शनी का आयोजन हुआ। जिसका उद्घाटन पूर्व पुलिस आयुक्त दत्ता पडसलगीकर ने किया।
कला प्रेमी एवं मशहूर उधोगपति Guru Swarup Srivastava रहे उपस्थित
प्रदर्शनी के अंतिम दिन समापन के मौके पर, कला प्रेमी एवं मशहूर उधोगपति
गुरु स्वरूप श्रीवास्तव Guru Swarup Srivastava उपस्थित रहे। गौरतलब है कि गुरु स्वरूप श्रीवास्तव IIT (दिल्ली) से गोल्ड मेडलिस्ट हैं और उन्हें पेंटिंग एकत्रित करने का शौक है। उन्होंने मराठी मूवी शवास और हिंदी मूवी कृष का वित्त पोषण भी किया है। गुरु स्वरूप श्रीवास्तव एक प्रसिद्ध कला प्रेमी, उद्यमी, अर्थशास्त्री, सामाजिक कार्यकर्ता हैं। उन्हें दिल्ली सरकार और रोटरी क्लब दिल्ली द्वारा राष्ट्रीय रत्न पुरस्कार, उद्योग रत्न शिरोमणि तथा लाइव टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से भी सम्मानित किया जा चुका है। उनका नाम कला के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ था। उनकी उपलब्धियां इस बात को रेखांकित करती हैं कि इस प्रदर्शनी के समापन समारोह में बोलते हुए गुरु स्वरूप श्रीवास्तव Guru Swarup Srivastava ने “भारतीय कला को अंतरराष्ट्रीय कला समुदाय के बराबर बताते हुए महिला कलाकारों की जमकर सराहना की। उन्होंने बताया कि उन्हें भारतीय कलाकार बेहद पसंद हैं।
मशहूर चित्रकार एम एफ हुसैन को बताया चित्रकला का सच्चा प्रेमी
गौरतलव है कि गुरु स्वरूप श्रीवास्तव Guru Swarup Srivastava ने मशहूर चित्रकार एम एफ हुसैन का एक सच्चा प्रेमी बताते हुए उनकी पेंटिंग्स को सबसे अधिक राशि देकर इतिहास रचा है। साथ ही समापन के मौके पर उन्होंने कहा कि मुझे लगता है कि दूसरों को भी हमारे कलाकारों के साथ खड़ा होना चाहिए और उनके प्रयास के लिए उनका समर्थन भी करना चाहिए। इन महिला कलाकारों के पास रचनात्मक दिमाग है और वे दुनिया को शांति का संदेश प्रदान कर रही हैं। इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने काफी प्रयास किए हैं। यह उल्लेखनीय है कि अपने घरों की देखभाल करने के बाद उन्होंने यह स्थान हासिल किया है। ”उन्होंने आगे कहा“ रंग हुसैन साहब की मुख्य विशेषता ये थी कि उन्होंने अद्भुत रंगों का इस्तेमाल किया। इसलिए, उनके चित्र और आक्रामक थे। इसलिए, वे विवादास्पद भी थे। लेकिन हम बुद्ध कला में सुखदायक रंग संयोजन देख सकते हैं। यह उनकी आत्मा है। हमारा देश भारत एक शांतिप्रिय राष्ट्र है। बुद्ध कला की मदद से इन पांच कलाकारों ने अच्छी कला बनाई है।