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वसई-विरार में 6 नए फ्लाईओवर बनाने की तैयारी

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मुंबई। वसई-विरार में रहने वाले नागरिकों के लिए एक अच्छी खबर है। आगामी वर्षों में मनपा विरार से नायगांव तक 6 नए फ्लाइओवर बनाने की तैयारी में है। इस संबंध में मनपा ने एमएमआरडीए को प्रस्ताव भेजा है। पूरे काम पर करीब 26 सौ करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है। फ्लाइओवर बनने के बाद न सिर्फ पूर्व से पश्चिम जाने में आसानी होगी, बल्कि ट्रैफिक की समस्या से भी निजात मिलेगी।

वसई-विरार मनपा के मुख्य कार्यकारी अभियंता राजेन्द्र लाड ने बताया कि वसई-विरार की जनता की सुविधाओं और मांग को देखते हुए मनपा ने विरार से नायगांव तक 6 नए प्लाइओवर बनाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि प्रस्ताव के तहत विरार के कोपरी, नारंगी, विराट नगर, नालासोपारा के ओसवाल नगरी, अलकापुरी, वसई के उमेलमान में पूर्व से पश्चिम को जोड़ने के लिए फ्लाइओवर की योजना है। काम पर खर्च होने वाले 26 सौ करोड़ रुपये में से आधी रकम एमएमआरडीए देगा। लाड ने बताया कि नायगांव में एक पुल का काम भी शुरू हो गया है, जो लगभग तैयारी पर है। जल्द ही नायगांववासियों को राहत मिलेगी।

गौरतलब है कि वर्तमान में वसई-विरार मनपा क्षेत्र में महज तीन फ्लाइओवर विरार, नालासोपारा व वसई में हैं। विरार के फ्लाइओवर पर भारी वाहनों की आवाजाही पर मनाही है, ऐसे में भारी वाहन नारंगी फाटा रेलवे फाटक से पूर्व से पश्चिम जाते हैं। नालासोपारा का फ्लाइओवर काफी संकरा है। यहां शाम के वक्त भारी वाहनों की आवाजाही के कारण लंबा जाम लग जाता है। वहीं, वसई पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाला पुराना पंचवटी फ्लाइओवर जर्जर होने की वजह से बंद है, जिसके कारण नए पुल पर सुबह-शाम ट्रैफिक की भारी समस्या होती है।

सुविधाओं की सौगात
नए फ्लाइओवर के निर्माण से वसई-विरार की जनता को कई सुविधाओं की सौगात मिलेगी। पूर्व से पश्चिम और पश्चिम से पूर्व आने-जाने वाले लोगों का समय और किराया बचेगा। बहुत से स्थान रेलवे लाइन के दोनों तरफ आमने-सामने हैं, फिर भी अधिक दूरी तय करनी पड़ती है। इसमें कमी आएगी। विरार, नालासोपारा और वसई पश्चिम में स्कूल, कॉलेज, अस्पताल, मॉल, सिनेमा घर, चौपाटी आदि जाने वाले आसानी से पहुंच सकेंगे। यातायात की समस्याओं से राहत मिलेगी।

समय, पेट्रोल बचेगा
नायगांव व वसई पश्चिम में आने के लिए हाइवे से सातीवली, रेंजनाका, पंचवटी ब्रिज उसके बाद वसई, नायगांव आना पड़ता है। नायगांव पूर्व से पश्चिम को जोड़ने वाले इस फ्लाइओवर से लगभग 25 किलोमीटर की दूरी कम होगी। नायगांव पूर्व से ही नायगांव व वसई पश्चिम आने-जाने में समय और पेट्रोल की बचत होगी। यह फ्लाइओवर लगभग पूरा होने वाला है। बता दें कि वसई पश्चिम स्थित कोर्ट, कचहरी, पंचायत समिति, प्रांत अधिकारी कार्यालय के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ती है।

अड़चनें भी कम नहीं
नए फ्लाइओवर निर्माण के रास्ते में अड़चनें भी कम नहीं हैं। प्रस्तावित फ्लाइओवर के कई रास्तों में अतिक्रमण हो चुका है। ऐसे में अतिक्रमण हटाने और फिर पुनर्वसन करने में बजट की राशि बढ़ेगी। विरोध का भी सामना करना पड़ सकता है।

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