Home Sports शतक चूका पर कुछ इस अंदाज़ से विराट ने बढ़ाया हौसला: हनुमा...

शतक चूका पर कुछ इस अंदाज़ से विराट ने बढ़ाया हौसला: हनुमा विहारी

1025
0

नयी दिल्ली। वेस्ट इंडीज दौरे पर गई टीम इंडिया के लिए यह दौरा शानदार रहा है। 2 टेस्ट मैच की सीरीज में बोलिंग में हीरो जसप्रीत बुमराह रहे, तो बैटिंग में युवा खिलाड़ी हनुमा विहारी ने भी खास छाप छोड़ी। विहारी ने यहां सीरीज के अंतिम टेस्ट में अपने टेस्ट जीवन का पहला शतक भी ठोका। भारत ने यह सीरीज 2-0 से अपने नाम की। इस कामयाब दौरे की समाप्ति के बाद दौरे के स्टार बल्लेबाज रहे हनुमा विहारी ने हमारे सहयोगी ‘टाइम्स ऑफ इंडिया.कॉम’ से खास बातचीत की। इस बातचीत में हनुमा ने बताया कि विराट की किस खास बात ने उन्हें शानदार परफॉर्म करने के लिए प्रेरित किया।
इस सीरीज में सबसे ज्यादा 289 रन बनाने वाले हनुमा विहारी ने 4 पारियों में 96.33 की गजब की औसत से रन कूटे। पहले टेस्ट में मात्र 7 रन रन से अपना शतक चूकने वाले हनुमा से जब विराट की प्रतिक्रिया के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि विराट के शब्दों ने उन्हें और अच्छा करने की प्रेरणा दी।
अपने इस दौरे के बारे में हनुमा ने कहा, ‘यह शानदार टूर रहा। मेरे लिए यह थोड़ा लंबा जरूर था क्योंकि मैं यहां भारत A टीम के साथ भी था और फिर टेस्ट टीम के साथ भी। लेकिन भारत A के लिए यहां खेलकर मुझे टेस्ट सीरीज में बहुत लाभ मिला। टेस्ट सीरीज से पहले खेलकर मुझे यहां परिस्थितियों के साथ तालमेल बैठाने में मदद मिली। मैं सही समय पर फॉर्म में आ गया और अपने इस प्रदर्शन से मैं खुश हूं।’

इस युवा बल्लेबाज ने दोनों ही टेस्ट में अलग-अलग अंदाज में बैटिंग की। जब विहारी से इस पर कहा कि टेस्ट क्रिकेट में इसी की खास जरूरत होती है। कभी-कभी आपको टीम के लिए तेजी से रन जुटाने होते हैं और कभी-कभी भरपूर धैर्य के साथ बैटिंग करनी होती है। मैंने यहां बैटिंग परिस्थितियों को सही ढंग से भांपा और उनके मुताबिक बैटिंग की। मैं दोनों ही स्टाइल (अटैकिंग और धैर्यपूर्ण) में बैटिंग कर लेता हूं। इसीलिए दोनों टेस्ट में मेरा स्ट्राइक रेट अलग-अलग है।
हनुमा से जब पूछा गया कि पहले टेस्ट में जब वह सिर्फ 7 रन से अपना शतक चूक गए, तो क्या इससे वह निराश थे। क्या विराट कोहली ने उनसे शतक चूकने पर कुछ कहा था। क्योंकि उनके आउट होने पर वह निराश दिख रहे थे। हनुमा ने कहा कि पहला शतक चूककर भी मैं निराश नहीं था क्योंकि कई बार आप मील के पत्थर पर पहुंचते और कई बार नहीं।

हनुमा ने बताया, ‘जब 93 पर आउट होकर मैं पविलियन लौटा तो विराट मेरे पास आए और उन्होंने मुझ बधाई दी। हमने शतक चूकने पर कोई बात नहीं की। उन्होंने कहा, ‘बेहतरीन पारी।’ हमारे कप्तान विराट कोहली और (कोच) रवि शास्त्री सर और पूरा टीम प्रबंधन बहुत ही सपॉर्टिव है। विराट अपने खिलाड़ियों को पूरी तरह बैक करते हैं और उन्हें आजादी देते हैं। शास्त्री सर हमें मोटिवेट रखते हैं। मैं इस टीम का हिस्सा होकर बहुत खुश हूं, जो दुनिया की बेस्ट टीम है। मैं यहां ऐसी कई और पारियां खेलने को लेकर उत्सुक हूं।’
इसके बाद 25 वर्षीय इस बल्लेबाज ने अपनी अगली ही पारी में अपने इंटरनैशनल जीवन का पहला सैकड़ा जड़ दिया। हनुमा कहते हैं कि यह शतक मेरे लिए खास था। ड्रेसिंग रूम में सभी खड़े होकर मेरा अभिवादन कर रहे थे। मुझे दुनिया भर से बधाइयां मिलीं। हनुमा से जब पूछा गया कि उनकी तुलना भारत के लेजंड टेस्ट बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण से होती है। इस पर उनकी क्या राय है? इसके जवाब में हनुमा ने (मुस्कुराते हुए) कहा, ‘उनसे (लक्ष्मण) मेरी तुलना मत कीजिए। मैं मैदान पर उतरकर परिस्थितियों के लिहाज से खेलना चाहता हूं। मैंने वीवीएस सर से बहुत कुछ सीखा है। वह लेजंड हैं।’ हनुमा ने यहां तेजी से उबर रहे जसप्रीत बुमराह की भी जमकर तारीफ की।

विहारी ने कहा, शास्त्री की वह सलाह कर गई काम

टेस्ट सीरीज की समाप्ति के बाद जब टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली को सीरीज की ट्रोफी दी गई तो विराट ने हनुमा के हाथ में यह ट्रोफी पकड़ा दी। हनुमा से जब पूछा गया कि उस वक्त उनका क्या अहसास था। इसके जबाव में उन्होंने कहा, ‘जब हमने सीरीज जीत ली तो वह (विराट) सीधा मेरे पास आए और कहा कि ‘यह पकड़ो’ और उन्होंने मुझे गले लगा लिया। वह बहुत उदार हैं, जिन्होंने मुझे वह ट्रोफी दी। मैं टीम के प्रत्येक सदस्य को सीरीज जीत में किए गए उसके योगदान के लिए धन्यवाद देता हूं। मैं बहुत खुश कि टेस्ट चैंपियनशिप की शुरुआत हमने इस अंदाज में की है।’

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here