इंटरनेशनल डेस्क। संयुक्त राष्ट्र (यूएन) के एक आपात राहत समन्वयक ने कहा कि यदि सोमालिया को तुरंत अंतरराष्ट्रीय मदद नहीं भेजी गई तो गर्मी के मौसम के अंत तक 20 लाख से अधिक लोग मर सकते हैं। यूएन के अंडरसेक्रेटरी जनरल मार्क लोकॉक ने कहा कि सूखा पड़ने के बाद सोमालिया को करीब 70 करोड़ डॉलर की जरूरत है। बारिश नहीं होने से पशुओं की मौत हो रही है और फसल बर्बाद हो चुकी है।
आबादी 1.5 करोड़, 30 लाख लोग भूखे
उन्होंने कहा कि यूएन के केंद्रीय आपदा राहत कोष ने सूखे से प्रभावित इथियोपिया और केन्या के साथ-साथ सोमालिया में दैनिक आवश्यकता की चीजों, पानी और खाने की कमी को पूरा करने के लिए 4.5 करोड़ डॉलर की राशि आवंटित की है। मार्क ने कहा कि सोमालिया की आबादी 1.5 करोड़ है , इसमें से 30 लाख लोग सिर्फ भोजन की न्यूनतम आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
असाध्य रोगों और महामारी के फैलने का डर
भोजन की कमी की स्थिति पिछली सर्दियों की तुलना में काफी खराब हो गई है। लोकॉक ने कहा, ‘ऐसे समुदाय जो पहले से ही गरीबी और न्यूनतम आवश्यकताओं की कमी के संकट से जूझ रहे हैं, उनके लिए स्थिति भयावह है। सूखे के कारण भूख और गरीबी का स्तर बहुत अधिक है। लोगों के पास पीने के लिए पर्याप्त पानी तक नहीं है। ऐसे सुमदाय में असाध्य रोगों और महामारी के फैलने का डर भी बना हुआ है।’
सोमालिया समेत कई देशों में जल संकट
सोमालिया और उसके पड़ोसी देश इथियोपिया और केन्या में पिछले कुछ वर्षों से जल संकट बना हुआ है। पर्याप्त वर्षा नहीं होने के कारण इन देशों में फसल पूरी तरह से बर्बाद हो चुकी है और खाद्यान्न का संकट गहरा गया है। तीनों देशों के निवासियों के पास खाने और पीने के लिए पर्याप्त साधनों की कमी है। संयुक्त राष्ट्र ने विश्व समुदाय से तत्काल इस संकट पर ध्यान देने और सहायता के लिए कदम उठान की जरूरत पर बल दिया।