नई दिल्ली। कोरोना वायरस को लेकर तमाम सोशल मीडिया प्लेफार्मों पर फैल रही अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। अफवाहों पर लगाम लगाने के लिए केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने शनिवार को सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ ने कोरोना वायरस को महामारी घोषित करते हुए ग्लोबल इमरजेंसी जारी की है। इसको लेकर आम लोगों में कोई पैनिक न फैले इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों को चाहिए कि वे अपने यूजर्स को सचेत करें कि वे गलत जानकारियां और फेक न्यूज पोस्ट नहीं करें।
- केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने सभी सोशल मीडिया प्लेटफार्मों को एडवाइजरी जारी की है
- सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कहा गया है कि वे उन्हीं जानकारियों को प्रोमोट करें जो पुख्ता और सत्य हों
सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कहा गया है कि वे अपने यूजर्स को बताएं कि कोरोना वायरस को लेकर किसी भी प्रकार की गलत जानकारियां या फेक न्यूज को ना तो अपलोड करें ना तो उनको शेयर करें। सरकार ने सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कहा है कि वे ऐसे लोगों के अकाउंट को तत्काल प्रभाव से हटा दें या डिलीट कर दें जो कोरोना वायरस को लेकर भ्रामक और गलत जानकारियां साझा कर रहे हैं। सोशल मीडिया प्लेटफार्मों से कहा गया है कि वे उन्हीं जानकारियों को प्रोमोट करें जो पुख्ता हों और सत्य हों।बता दें कि देश के कई हिस्सों में फेक न्यूज या गलत जानकारियां फैलाने के आरोप में कई लोगों पर पुलिस थानों में प्राथमिकियां भी दर्ज की गई हैं।
उल्लेखनीय है कि कोरोना वायरस को लेकर आम लोगों की सभी शंकाओं का समाधान करने और फेक न्यूज के प्रसार को रोकने के लिए सरकार ने कई स्तरों पर पहकदमी की है। इसी का नतीजा है कि माइक्रोब्लॉगिंग साइट से जुड़ी गलत खबरों पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है। ऐसे में अब सरकार भी अब सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को जागरूक कर रही है। वहीं अब सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किया है ताकि लोगों को कोरोना वायरस के बारे में सही जानकारी उपलब्ध कराई जा सके।