नई दिल्ली। जब केबी, छोटू और मनोज ने 17-17 साल की उम्र में 1976 में नैशनल डिफेंस अकैडमी को जॉइन किया था तो शायद ही उन्हें अंदाजा रहा होगा कि एक दिन ये बैचमेट एक साथ तीनों सेनाओं के चीफ रहेंगे। तब उनमें यही समानता थी कि तीनों के ही पिता इंडियन एयर फोर्स में सेवा दे चुके थे। आज 44 साल बाद तीनों अपनी-अपनी सर्विस में शीर्ष पर हैं।
31 दिसंबर को आर्मी चीफ बनेंगे लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे
जब लेफ्टिनेंट जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 31 दिसंबर को अगले आर्मी चीफ के तौर पर जनरल बिपिन रावत की जगह लेंगे तो वह एनडीए के अपने कोर्समेट- ऐडमिरल करमबीर सिंह और एयर चीफ मार्शल राकेश कुमार सिंह भदौरिया के साथ मिलकर देश की सेनाओं के शीर्ष पर होंगे।
ऐडमिरल, एयर चीफ मार्शल और नेक्स्ट जनरल तीनों ही बैचमेट
ऐडमिरल सिंह 31 मई को देश के 24वें नेवी चीफ बने थे और उनके वाइट यूनिफॉर्म पर हेलिकॉप्टर पायलट का विंग शोभा बढ़ाता है। एयर चीफ मार्शल भदौरिया 30 सितंबर को एयर फोर्स के चीफ बने थे और उनके भी ब्लू यूनिफॉर्म पर फाइटर पायलट का विंग शान से दिखता है।
तीनों अपने-अपने सर्विस अकैडमी में पहुंचे
लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे इस महीने के आखिर में 28वें आर्मी चीफ की जिम्मेदारी संभालेंगे। उनके ओलाइव-ग्रीन यूनिफॉर्म पर पैराट्रूपर विंग है। तीनों एनडीए के 56वें कोर्स का हिस्सा थे। एनडीए कैडेट के तौर पर 3 साल का कोर्स पूरा करने के बाद तीनों अपने-अपने सर्विस अकैडमी में पहुंचे जहां जून-जुलाई 1980 में ऑफिसर्स के तौर पर कमिशंड हुए।
जन्मतिथि, करियर रेकॉर्ड, मेरिट, वरिष्ठता।सबका रखा जाता है ध्यान
एक सीनियर ऑफिसर ने बताया, ‘यह बहुत ही दुर्लभ है कि एनडीए के 3 कोर्समेट अपनी-अपनी सेनाओं के प्रमुख हैं क्योंकि इसके लिए जन्मतिथि, करियर का रेकॉर्ड, मेरिट, वरिष्ठता जैसी तमाम बातें देखी जाती हैं और इन सबके साथ लक भी।’
एयर मार्शल और वाइस ऐडमिरल 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते
सर्विस चीफ 62 साल की उम्र तक या 3 सालों तक (जो भी पहले हो) सेवा दे सकता है और दूसरी तरफ थ्री-स्टार जनरल (लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस ऐडमिरल) 60 साल की उम्र में रिटायर हो जाते हैं। इसी से जाहिर है कि तीनों बैचमेट का अपनी-अपनी सर्विस में चीफ बनना कितना दुर्लभ है।
सिर्फ एक ही उदाहरण याद आ रहा
हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया ने अफसरों और कई वेटरंस से बात की लेकिन उन्हें इस तरह का सिर्फ एक ही उदाहरण याद आ रहा है। दिसंबर 1991 में एनडीए के 81वें कोर्स के पासिंग आउट परेड में तीनों सेनाओं के तत्कालीन प्रमुख- जनरल एस। एफ। रो़ड्रिक्स, ऐडमिरल एल। रामदास और एयर चीफ मार्शल एन। सी। सूरी मौजूद थे। यह भी दुर्लभ दृश्य था क्योंकि तीनों ही एनडीए के बैचमेट थे।
दोनों स्कूली दिनों के भी दोस्त
लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे और एयर चीफ मार्शल भदौरिया जहां एनडीए में ‘लीमा’ स्क्वॉड्रन का हिस्सा थे, ऐडमिरल सिंह ‘हंटर’ स्क्वॉड्रन में थे। एक ऑफिसर ने बताया, ‘पहले दोनों तो स्क्वॉड्रन मेट भी थे। इसके अलावा, ऐडमिरल सिंह और लेफ्टिनेंट जनरल नरवणे तो एनडीए जॉइन करने से पहले के दोस्त थे क्योंकि दोनों ने कुछ साल एक ही स्कूल में पढ़ाई की थी।’