नई दिल्ली। आर्टिकल 370 के खत्म होने से बीजेपी और संघ का सबसे बड़ा अजेंडा पूरा हो गया है। यह बीजेपी के चुनावी घोषणा पत्र का भी हिस्सा रहा है और संघ की सबसे बड़ी डिमांड भी रही है। इसलिए जब राज्य सभा में गृह मंत्री अमित शाह बोले तो उन्होंने जनसंघ के संस्थापक श्यामा प्रसाद मुखर्जी का भी जिक्र किया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी राज्य सभा में भी मुखर्जी को कोट करते हुए कहा कि एक देश में दो प्रधान, दो संविधान नहीं हो सकते।
राज्य सभा में पेश किया संकल्प पत्र
राज्य सभा में अमित शाह के संकल्प पत्र पेश करने के बाद संघ प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह सुरेश भैयाजी जोशी की तरफ से जारी बयान में कहा गया कि ‘सरकार के साहसपूर्ण कदम का हम हार्दिक अभिनंदन करते हैं। यह जम्मू-कश्मीर सहित पूरे देश के हित के लिए बहुत अधिक जरूरी था। सभी को अपने स्वार्थों और राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर इस पहल का स्वागत और समर्थन करना चाहिए।’
संघ धारा 370 हटाने और लद्दाख को अलग करने की मांग पहले से ही करता रहा है। संघ ने इस संबंध का प्रस्ताव अपनी अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा में साल 2002 में ही पास कर दिया था। अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा संघ की सबसे बड़ी डिसीजन मेकिंग बॉडी है। प्रस्ताव में कहा गया था कि धारा 370 के प्रावधानों से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद को बढ़ावा मिल रहा है। जम्मू और लद्दाख रीजन के साथ भेदभाव हो रहा है। इसलिए जम्मू और लद्दाख के निवासी अलग अलग राज्य की मांग करते हैं। इसमें जम्मू को अलग राज्य और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का प्रस्ताव पास हुआ।
बीजेपी सरकार से अब और उम्मीदें
संघ के एक सीनियर नेता ने कहा कि प्रचंड बहुमत की सरकार में अब हमें उम्मीद है कि वह सब कानून भी बनेंगे जो हिंदुस्तान के लिए जरूरी हैं और बीजेपी भी जिनका वादा करती रही है। उन्होंने संकेत दिया कि अब समान नागरिक संहिता बनाने की दिशा में बीजेपी बढ़ सकती है। संघ नेता ने कहा कि ट्रिपल तलाक पर कानून बनना उसी दिशा में पहला कदम है। जनसंख्या नियंत्रण कानून भी आएगा ऐसी हमें उम्मीद है। संघ के एक दूसरे नेता ने कहा कि अब लगता है कि जल्द ही राम मंदिर बनने का रास्ता भी साफ होगा। उन्होंने कहा कि अब सुप्रीम कोर्ट डे टू डे सुनवाई कर रहा है और हमें उम्मीद है कि कोर्ट का फैसला आते ही चाहे कुछ भी हो सरकार अयोध्या में भव्य राम मंदिर निर्माण की दिशा में आगे बढ़ेगी।