वॉशिंगटन। अमेरिका की एक कंपनी ने 3डी प्रिंटिंग तकनीक के जरिए ऐसे घर तैयार किए हैं, जिनमें आने वाले समय में लोग मंगल ग्रह पर रहने का अनुभव ले सकेंगे। इन्हें ‘टेरा’ नाम दिया गया है। न्यूयॉर्क में हडसन नदी के करीब जंगलों में ऐसे कुछ घरों का निर्माण पूरा कर भी लिया गया है। जल्द ही इन्हें छुट्टियों में आने वाले पर्यटकों के लिए खोला जाएगा। इनसे होने वाली कमाई कोे फर्म की आगे की रिसर्च और निर्माण कार्यों में लगाया जाएगा।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अगर इन घरों का डिजाइन सफल रहता है तो इंसान के मंगल पर स्थापित हो जाने के बाद इसी तकनीक से ही वहां भी कॉलोनियों का आधार तैयार किया जा सकता है। इन्हें बनाने वाली कंपनी एआई स्पेस फैक्ट्री पहले भी अपने आविष्कारों के लिए नासा से अवॉर्ड जीत चुकी है। टेरा का निर्माण बायोपॉलीमर बसॉल्ट कम्पोजिट मैटेरियल से किया गया है। इस मैटेरियल को बनाने में गन्ने और भुट्टे का इस्तेमाल किया गया है। वैज्ञानिकों ने इसे मार्शियन पॉलीमर नाम दिया है।
कंक्रीट और स्टील से बने घरों से 50% तक ज्यादा मजबूत हैं ये घर
3-डी प्रिंटिंग से बने यह पॉड नासा की टेस्टिंग में आम कंक्रीट और स्टील से बने घरों से 50% तक ज्यादा मजबूत हैं। सिलेंडर के आकार के इन आवासों में एस्ट्रोनॉट्स तेज हवाओं और सोलर रेडिएशन से भी बचे रह सकते हैं। टेरा में वैज्ञानिकों के लिए लैब से लेकर सोने की जगहें और फिटनेस एरिया तक बनाए गए हैं। पानी की जरूरत को पूरा करने के लिए इन इमारतों में 5500 लीटर का एक सिलेंडर भी लगाया गया है।
नासा पर 2030 तक मंगल के मानव मिशन लॉन्च करने की जिम्मेदारी
ट्रंप प्रशासन ने नासा को 2030 तक मंगल के लिए मानव मिशन लॉन्च करने की जिम्मेदारी सौंपी है। मई 2017 में नासा के प्लानिंग एडमिनिस्ट्रेटर ग्रेग विलियम्स ने एजेंसी का चार स्टेज का प्लान दुनिया के सामने रखा था। इसके तहत पहले और दूसरे फेज में आवास बनाने की संभावनाओं को तलाशा जाएगा।
इसके बाद मंगल पर डीप स्पेस व्हीकल्स के जरिए आवास बनाने के लिए हार्डवेयर भी पहुंचाया जाएगा। 2027 के करीब मंगल पर जीवन की संभावनाएं खोजी जाएंगी। फेज तीन और चार 2030 के बाद शुरू होंगे जिसमें एस्ट्रोनॉट्स को मंगल पर भेजा जाएगा।