नई दिल्ली। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का राष्ट्रीय राजनीति में कद बढ़ेगा और वह विपक्ष के चेहरे के तौर पर उभर सकते हैं। हालांकि राजनीतिक जानकारों का मानना है कि केजरीवाल के लिए अभी यह रास्ता लंबा है। एक्सपर्ट्स का मानना है कि आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल को ‘राष्ट्रीय नेता’ के रूप में उभरने में अभी वक्त लगेगा।
अपने पिता के लिए दिया वोट
केजरीवाल के बेटे पुलकित से जब पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया कि उन्होंने अपने पिता के लिए ही वोट किया था। दिल्ली के लोगों ने जितनी बड़े बहुमत से जिताया है, उससे उन्हें खुशी है कि उनका वोट भी काम आ गया। केजरीवाल की बेटी हर्षिता ने कहा कि विपक्षी दलों को जनता ने वोटों से जवाब दिया है। वह बोलीं, ‘जिस तरह से गाली-गलौच की राजनीति दूसरी पार्टियां कर रही थीं, उसके ऊपर वोट नहीं मिलता है। काम के ऊपर वोट मिलता है। अस्पताल बनाने, मोहल्ला क्लिनिक, स्कूल बनाने पर वोट मिलता है।
60 सीट से कम हम सोचते ही नहीं थे
केजरीवाल की बेटी हर्षिता ने कहा कि उन्होंने बूथ लेवल वर्कर के तौर भी काम किया है। वह बोलीं, ‘हम लोग वॉलनटियर की तरह काम कर रहे थे। कैंपेन में लोगों का उत्साह देखकर अच्छा लगता था।’ आप की ऐतिहासिक जीत पर उनकी बेटी ने कहा कि हमेशा हम 60 से ऊपर की बात करते थे, 60 से नीचे तो हम जाते ही नहीं थे।
उम्मीद है कि दिल्ली में इससे भी अच्छा काम होगा
केजरीवाल की पत्नी सुनीता से जब एक चैनल पर पूछा गया कि क्या आपको यकीन था कि आप को इतनी बंपर जीत मिलेगी, तो उन्होंने कहा कि उन्हें काफी बेचैनी थी। वहा बोलीं, ‘जिस तरह से दिल्ली में चुनावी लड़ाई चल रही थी। अजेंडा पॉलिटिक्स एक तरफ थी, हालांकि हमें अपने काम पर भरोसा था। दिल्ली ने सच को जिताया है।’ केजरीवाल के अगले पांच साल पर उनकी पत्नी ने कहा, ‘अब लेवल टू का काम होगा। जो उन्होंने 10 गारंटी दी है, उस पर तो होना ही होना है। मुझे उम्मीद है कि दिल्ली में इससे भी अच्छा काम होगा।’