इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिका ने संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक ज़ार की चीन के अशांत क्षेत्र शिंजियांग यात्रा को लेकर शुक्रवार को विश्व संगठन के समक्ष विरोध दर्ज कराया। अमेरिका का कहना है कि यह अल्पसंख्यक मुसलमानों पर चीन की कार्रवाई को वैध ठहरा सकती है। विश्व निकाय ने गुरुवार को कहा कि आतंकवाद निरोधी मामलों के अवर महासचिव व्लादिमिर वोरोंकोव चीन की यात्रा पर हैं।
संयुक्त राष्ट्र के सूत्रों ने कहा कि इस यात्रा के दौरान वह शिंजियाग भी जाएंगे। चीनी अधिकारियों ने उइगुर समुदाय के 10 लाख लोगों और अन्य मुसलमानों को नजरबंदी शिविरों में रखा है जिसे वह व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र कहता है। उसका कहना है कि कट्टरपंथ के सफाए के लिए ये व्यावसायिक प्रशिक्षण केंद्र जरूरी हैं।
अमेरिकी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मोर्गन ओर्टागस ने कहा कि अमेरिका के उप विदेश मंत्री जॉन सुलीवान ने संयुक्त राष्ट्र प्रमुख एंतोनियो गुतारेस से शुक्रवार को बातचीत करके इस मामले में अपनी गहरी चिंता व्यक्त की। बयान में कहा गया, ‘शिंजियांग में उइगुर, कजाख, किर्गिज और अन्य मुसलमानों के दमन के लिए जिस प्रकार के अभियान चल रहे हैं उन्हें ध्यान में रखते हुए इस प्रकार की यात्रा बेहद अनुचित है।’
सुलिवान ने गुतारेस को बताया, ‘पेइचिंग लगातार उइगुर तथा अन्य मुसलमानों के दमन के अपने अभियानों को आतंकवाद निरोधक प्रयास का वैध रंग देता है, जबकि ऐसा नहीं है।’ उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र के आतंकवाद निरोधक उच्च अधिकारी इन मिथ्या दावों पर विश्वास करके आतंकवाद निरोध तथा मानवाधिकार पर संयुक्त राष्ट्र की प्रतिष्ठा और उनकी विश्वसनीयता को खतरे में डाल रहे हैं।