नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने कई बड़े फैसले किए है और उनके इन फैसलों ने कई चीजों बिल्कुल बदल दिया है और इन सब को देखते हुए भारत और जम्मू कश्मीर के बीच एकीकरण हो गया है इन्ही सब बातो पर नज़र डालते हुए भारत और पकिस्तान के बीच भविष्य को ले कर जो भी बातचीत होंगी उसमे बदलाव हो जाएगे वही मोदी ने ये भी कहा की अब भारत की कोई मजबूरी नहीं रही भारत और पकिस्तान के बीच होने वाली बातो में कश्मीर की सूची को शामिल किया जाएगा ।
दोनों देशो के बीच भविष्य की बातचीत का अजेंडा जाएगा बदल
अभी तक पाकिस्तान इस बात पर जोर देता रहा है कि भारत से होने वाली हर बातचीत के केंद्र में कश्मीर रहे। लेकिन सोमवार को भारत सरकार ने जिस तरह से राज्य का पुनर्गठन किया है उसे देखते हुए साफ है कि भविष्य में ऐसा नहीं होगा।
लद्दाख को मिला केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा
लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा मिलने से भारत इस क्षेत्र को और अधिक रणनीतिक महत्व दे पाएगा। यह क्षेत्र पाकिस्तान के नियंत्रण वाले गिलगित-बालटिस्तान और चीन के नियंत्रण वाले अक्साई चिन से सटा हुआ है। इस लिहाज से यह क्षेत्र भारत की सुरक्षा की दृष्टि से बहुत अहम है।
जम्मू-कश्मीर कानूनी रूप से बना भारत का घरेलू विषय
पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन ने पहले भी कहा था कि जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देकर भारत ने चुपचाप मान लिया कि जम्मू-कश्मीर पर ‘विवाद’ है। लेकिन अब, भारत पाकिस्तान के साथ बातचीत में कश्मीर के मुद्दा को शामिल नहीं करेगा। पूर्व विदेश सचिव का कहना है कि इससे भारत-पाकिस्तान के भविष्य के संबंधों पर व्यापक असर पड़ेगा क्योंकि अब जम्मू-कश्मीर कानूनी रूप से भारत का घरेलू विषय है।
भारत की पहली दो शर्तो को लागू करने से किया इनकार
सरन कहते हैं, ‘रणनीति बनाते समय भारत ने पाकिस्तान की प्रतिक्रिया को भी ध्यान में रखा होगा। पाक अधिकृत कश्मीर और गिलगित-बालटिस्तान पर हमारा दावा अभी भी है।’ साल 1994 में संसद से पास प्रस्ताव के अनुसार यह भारत के आधिकारिक दावे का हिस्सा भी है। यह अस्पष्ट है कि क्या भारत इस पर चर्चा करना चाहेगा। अभी तक भारत का फोकस पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद पर रहा है, जबकि पाकिस्तान का जोर कश्मीर पर।
पाकिस्तान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों को लागू करने से बचता रहा है, इसे देखते हुए भारतीय सूत्रों का कहना है कि उक्त प्रस्ताव की पहली दो शर्तों को लागू करने से पाकिस्तान ने इनकार कर दिया है। इस लिहाज से बाकी के प्रस्ताव को लागू करना बेमानी है। भारतीय अधिकारी कहते हैं कि खुद पाकिस्तान ने गिलगित-बालटिस्तान में यही किया है जिस पर भारत दावा करता आ रहा है
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद से वापस ले याचिका-सुब्रमण्यम स्वामी
बीजेपी के एमपी सुब्रमण्यम स्वामी ने ट्वीट किया था। इसमें उन्होंने कहा था कि अगले कदम के रूप में भारत सरकार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की ओर से दायर याचिका वापस ले लेनी चाहिए जिसमें कश्मीर में जनमत संग्रह की बात कही गई है।