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इटली के मछुआरों ने समुद्र को साफ करने के लिए शुरू की खास पहल

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Indian fishermen pull in their catch in Kovalam Beach, about 20 km (12 miles) south of Trivandrum, in the southern Indian state of Kerala, March 6, 2003. The catch is shared between the fishermen and the remainder sold to fishmongers in the area for an average of 30 Indian Rupees (55 cents) per fish. REUTERS/Pawel Kopczynski JSG/FA

ग्लोबल डेस्क। इटली में समुद्र से कचरा साफ करने के लिए एक नई पहल की गई है और मछुआरे इस मुहिम में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। दरअसल मछलियां पकड़ने गए मछुआरे कूड़े को पहले जमीन पर नहीं ला सकते थे और वे उसे समुद्र में ही फेंक देते थे, लेकिन अब वे ऐसा नहीं कर रहे हैं। समुद्र में सफाई का खाका तैयार करने के लिए किए जा रहे प्रयोग के तहत कूड़े को एकत्र करके उसका विश्लेषण किया जा रहा है। फिर इनको रीसाइकल किया जा रहा है।

इस परियोजना को चलाने वाले क्लीन सी लाइव की समन्वयक एलोनोरा डी सबाटा ने कहा, ‘कई मछुआरे कूड़े को समुद्र में ही फेंक आते थे क्योंकि कानून के अनुसार वे इसे जमीन पर नहीं ला सकते थे।’ उन्होंने कहा, ‘उन्हें बंदरगाहों पर अपशिष्ट लाने का अधिकार नहीं है। इस प्रकार के अपशिष्ट को रखने की कोई जगह नहीं है और यह भी स्पष्ट नहीं है कि इसका निपटारा किसे करना चाहिए।’

अब ऐसी उम्मीद की जा रही है कि सैन बेनेडेटो डेल ट्रॉन्टो के एड्रियाटिक रिसॉर्ट के पास मछलियां पकड़ने वाली उन करीब 40 नौकाओं के सामने यह समस्या नहीं आएगी , जो इस पहल में भाग ले रही हैं। इस मुहिम की शुरुआत से अब तक मछुआरों ने एक महीने में प्रति सप्ताह करीब एक टन कूड़ा एकत्र किया जिसमें से 60 प्रतिशत प्लास्टिक है। इसमें से कुछ का रीसाइकल किया गया, कुछ का घरेलू या औद्योगिक अपशिष्ट के साथ निपटारा किया गया, लेकिन समुद्र में कूड़ा वापस नहीं फेंका गया।

यह परियाजना विश्व महासागर दिवस से एक दिन पहले सात जून को समाप्त होनी थी, लेकिन अब इसकी अवधि बढ़ा दी गई है। आयोजकों को उम्मीद है कि इससे अपशिष्ट प्रबंधन के संबंध में समाधान मिलेगा और इसे पूरे इटली एवं इससे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। एक मछुआरे का कहना है कि सबसे अधिक कूड़ा प्लास्टिक होता था। उन्होंने कहा, ‘यदि मछली प्लास्टिक खा ले तो वह बीमार हो जाती है और इससे हम भी बीमार पड़ सकते हैं।’

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