बिज़नेस डेस्क। देश की सबसे बड़ी पेट्रोलियम कंपनी इंडियन ऑइल कार्पोरेशन ने कहा है कि ईरान से तेल आयात बंद होने का उसके कारोबार और पेट्रोलियम पदार्थों की आपूर्ति पर कोई असर नहीं होगा। कंपनी ने कहा है कि ईरान से होने वाले आयात की कमी को दूर करने के लिये अमेरिका से कच्चे तेल आयात का अनुबंध किया गया है। साथ ही सउदी अरब से अधिक तेल आयात किया जा रहा है। इससे ईरान आयात के बड़े हिस्से की भरपाई कर ली गई है।
इंडियन ऑइल के चेयरमैन संजीव सिंह ने शुक्रवार को संवाददाताओं से कहा, ‘हमने वैकल्पिक स्रोतों से आपूर्ति का अनुबंध किया है। कोई एक देश इसकी भरपाई नहीं कर सकता है, इसलिये हमने विभिन्न स्रोतों से इसकी व्यवस्था की है। हम अपने आपूर्ति स्रोतों के मामले में उचित विविधता रखते हैं। ईरान से होने वाले आयात की भरपाई के लिये हमने पूरी व्यवस्था कर ली है।’
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद वहां से आयात पर रोक लग गई है। देश में जितने कच्चे तेल का आयात होता है उसका दसवां हिस्सा ईरान से मंगाया जाता रहा है। 31 मार्च को समाप्त वित्त वर्ष 2018- 19 में भारत ने ईरान से कुल मिलाकर 2।40 करोड़ टन कच्चे तेल की खरीदारी की। इसमें से 90 लाख टन तेल की खरीदारी इंडियन ऑइल की रही।
अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने के बाद इस महीने से इंडियन ऑईल और दूसरी भारतीय रिफाइनरी कंपनियों ने ईरान से कच्चे तेल का आयात बंद कर दिया है। इसकी भरपाई के लिये आईओसी ने पहली बार अमेरिका की दो आपूर्तिकर्ता कंपनियों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किये हैं। इसके अलावा सउदी अरब से 56 लाख टन सालाना खरीद अनुबंध है। इसके ऊपर कंपनी को 20 लाख टन अतिरिक्त आयात का विकल्प उपलब्ध है।