लखनऊ। आखिरकार कई घंटे तक धरने और सियासी गूंज के बीच उन्नाव गैंगेरप की पीड़िता के चाचा को ऐक्सिडेंट में अपनों की मौत के दाह संस्कार के लिए पैरोल मिल गया है। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार दोपहर को पीड़िता के चाचा के एक दिन के पैरोल पर अपनी मंजूरी दे दी। ऐक्सिडेंट में विक्टम के दो परिवारीजनों के दाह संस्कार में शामिल होने के लिए रायबरेली की जेल में बंद पीड़िता की चाचा की ओर से तीन दिन का परोल मांगा गया था, लेकिन हाई कोर्ट के जस्टिस मोहम्द एफए खान ने उन्हें एक दिन का शॉर्ट टर्म परोल दिया।
वह जेल से बाहर आकर अपने मृतक परिजनों का दाह संस्कार करेंगे। हाई कोर्ट ने जेल, पुलिस और जिला प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि दाह संस्कार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सख्त रखी जाए। पीड़ित की चाची और मौसी के शव पोस्टमॉर्टम के बाद लखनऊ के मुर्दाघर में रखे गए हैं। दाह संस्कार पीड़िता के चाचा को ही करना है। वह फिलहाल रायबरेली जेल में हैं।
पीड़िता की हालत बताई जा रही है नाजुक
इससे पहले पीड़िता के चाचा ने परोल के लिए सोमवार दोपहर उन्नाव के जिला मैजिस्ट्रेट देवेंद्र पांडेय की अदालत में अर्जी दाखिल की गई थी। जिला मैजिस्ट्रेट ने कहा कि पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं। उन्हें सजा हो चुकी है और सजा के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की गई है। सरकारी आदेश (जीओ) के तहत अपील वाले केसों में परोल देने का प्रावधान नहीं है, इसलिए वह असमर्थ हैं। बता दें कि रेप पीड़िता के चाचा को मारपीट के करीब 20 साल पुराने एक मामले में कुछ महीने पहले सजा सुनाई गई थी। कुछ मामलों के ट्रायल जारी हैं।
पैरोल नहीं मिलने पर रेप पीड़िता का परिवार धरने पर बैठ गया। लखनऊ के केजीएमयू के बाहर धरने पर बैठी पीड़िता की बहन ने कहा कि जब तक उनके चाचा को पैरोल नहीं दी जाएगी वे लोग परिवार के मृतकों का दाह संस्कार नहीं करेंगे। आखिरकार कोर्ट ने उनके चाचा को पैरोल दे दिया। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालिवाल भी पीड़ित परिवार के साथ धरने में शामिल होने पहुंच गईं।
बता दें कि उन्नाव रेप पीड़िता का ऐक्सिडेंट हो गया था। इस हादसे में पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई थी, जबकि पीड़िता और उसका वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। मृतकों का पोस्टमॉर्टम हो गया था। पीड़िता का इलाज अभी जारी है और उसकी हालत नाजुक बताई जा रही है।