बिज़नेस डेस्क। दिग्गज ऑनलाइन कैब सेवा प्रदाता कंपनी उबर को हुए एक अरब डॉलर (लगभग 7,000 करोड़ रुपये) के भारी नुकसान की एक बड़ी वजह भारत में उसका फूड डिलीवरी कारोबार उबर ईट्स को हुआ घाटा है। उबर इट्स का मुनाफा 12 फीसदी से घटकर आठ फीसदी पर पहुंच गया है। कंपनी का कहना है कि प्रतिद्वंद्वी कंपनियों स्विगी और जोमैटे के साथ डिस्काउंट वॉर की वजह से उसके मुनाफे में कमी आई है।
शेयर बाजार में सूचीबद्ध कंपनी के रूप में उबर ने गुरुवार को अपना पहला वित्तीय नतीजा जारी किया, जिसमें उसने 31 मार्च, 2019 को समाप्त हुई तिमाही में एक अरब डॉलर के नुकसान की जानकारी दी, जबकि उसकी आय लगभग 20 फीसदी बढ़कर 3.1 अरब डॉलर पर पहुंच गई है।
चार फीसदी मुनाफा गिरा
कंपनी ने कहा है कि फूड डिलीवरी कारोबार के मुनाफे में गिरावट के अलावा, ऑनलाइन कैब कारोबार में ड्राइवरों और राइडरों को दिए गए प्रोत्साहन का भी उसपर नकारात्मक असर पड़ा है। उबर के मुताबिक, ओवरऑल बुकिंग वैल्यू का उसका मुनाफा चार फीसदी गिरकर 18 फीसदी रह गया है।
उबर ईट्स बाजार में तीसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी
उबर को घाटा ऐसे वक्त में सामने आया है, जब नास्पर्स द्वारा वित्तपोषित स्विगी और आंट फाइनैंशल द्वारा वित्तपोषित जोमैटो को हर महीने 5 करोड़ डॉलर का नुकसान हो रहा है, जिसका कारण बाजार में एक दूसरे को पछाड़ने के लिए आक्रामक रूप से जारी डिस्काउंट वॉर है। उबर ईट्स बाजार में तीसरा सबसे बड़ा खिलाड़ी बनकर उभरा है, लेकिन स्विगी और जोमैटो से उसे भारी प्रतिस्पर्धा का सामना करना पड़ रहा है।
टेक रेट 12 से घटकर 8 फीसदी पहुंचा
विश्लेषकों के साथ बातचीत में उबर के चीफ फाइनैंशल ऑफिसर नेल्सन चाई ने कहा, ‘ग्रॉस बुकिंग्स के अनुपात में हमारा एएनआर (एडजस्टेड नेट रेवेन्यू) 400 आधार अंक (4%) गिरकर 18 फीसदी पर पहुंच गया है, जिसका मूल कारण उबर ईट्स है। खासकर, भारत में ग्राहकों, ड्राइवरों और रेस्तरांओं को मिलने वाले इंसेंटिव के कारण उबर इट्स का टेक रेट साल दर साल के आधार पर 12 फीसदी से घटकर आठ फीसदी पर पहुंच गया है।’
चाई ने कहा कि बाजार बहुत तेजी से बढ़ रहा है और उबर ईट्स डिस्काउंट्स के सहारे अपने मार्केट शेयर को बरकरार रखने की कोशिश कर रही है।