आगरा। उत्तर प्रदेश के आगरा जिले सहित आस-पास के लगभग दस जिलों तक कोरोना वायरस का बड़ा संक्रमण फैलाने वाले पारस हॉस्पिटल के खिलाफ आखिरकार बीते शुक्रवार को एफआईआर दर्ज हो गई है। अस्पताल को सेनिटाइज कर सील भी कर दिया गया है। यानि जिला प्रशासन ने अपनी औपचारिकताएं बखूबी पूरी कर दी हैं। लेकिन कोरोना वायरस को हॉस्पिटल से इलाज कराकर लौटे आगरा, मथुरा, मैनपुरी, अलीगढ़ के अलावा कन्नौज व ओरैया आदि दस से भी अधिक जिलों के रोगियों में कोरोना वायरस का संक्रमण हुआ है। यानि इन लोगों को संक्रमण होने की मुख्य बजह बने पारस हॉस्पिटल के संचालक डॉ. अरिंजय जैन के खिलाफ जिन सामान्य धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ है वह सेटिंग के खेल के और इशारा करता है। खबर ये भी है की एक अन्य हॉस्पिटल के संचालक ने इस सैटिंग के खेल को कामयाब बनाने में अहम् भूमिका निभाई है। इस पूरे प्रकरण में मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला प्रशासन की कार्यवाही संदेह के घेरे में है।
हॉस्पिटल के संचालक के खिलाफ हुआ केस दर्ज
पुलिस ने शुक्रवार को हॉस्पिटल के मालिक डॉ. अरिंज्य जैन और मैनेजर एसपी यादव के खिलाफ एपीडेमिक एक्ट की धारा 188, 269, 270 व 271 के तहत रिपोर्ट दर्ज कराई है। आगरा जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह का कहना है कि पारस हॉस्पिटल आगरा का सबसे बड़ा हॉटस्पॉट है। इस हॉस्पिटल में भर्ती रहीं दो महिलाओं की मौत हुई थी लेकिन दोनों पहले से ही गंभीर बीमारियों से पीड़ित थीं। मौत होने के बाद आईसीएमआर की गाइडलाइन के हिसाब से सैंपल लिए गये और दोनों कोरोना पॉजिटिव पाई गईं थीं।
पारस हॉस्पिटल से कई जिलों में फैला कोरोना
देश में जमाती तो आगरा में कोरोना ब्लास्ट मुख्य सूत्रधार पारस हॉस्पिटल सबसे बड़ा हॉटस्पॉट बन चुका है आगरा सहित मंडल के कई जिलों में कोरोना वायरस फैला। सबसे पहले इस अस्पताल में किडनी की बीमारी से पीड़ित आगरा की 65 वर्ष की महिला 15 मार्च से 2 अप्रैल तक भर्ती रही। यहां से जब वह मथुरा के नयति अस्पताल में पहुंचीं तो 4 अप्रैल को संक्रमण की पुष्टि हुई। इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने पारस हॉस्पिटल के स्टाफ और यहां भर्ती मरीजों को और उनके संपर्क में आए सभी लोगों के सैंपल जांच के लिए भेजे।