नई दिल्ली। आज 17वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो चुका है और कांग्रेस पार्टी में भारी कन्फ्यूजन चल रहा है। पार्टी ने लोकसभा में अपने नेता के नाम का ऐलान नहीं किया है। तो वही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अपने इस्तीफे पर अड़े हुए हैं, ऐसे में पार्टी दुविधा की स्थिति में फंसी हुई है। विदेश दौरे से लौटने के बाद राहुल आज लोकसभा में सांसदों के शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने नहीं पहुंचे हैं और पार्टी के अंदर अभी भी भ्रम की स्थिति बनी हुई है।
संसद सत्र से पहले लोकसभा की सर्वदलीय बैठक
लोकसभा चुनावों में हार के बाद राहुल ने अपने पद से इस्तीफे की बात कर दी थी। राहुल केरल के वायनाड में आम लोगों का धन्यवाद करने गए थे। इसके अलावा राहुल सार्वजनिक उपस्थिति से दूर ही थे। राहुल की गैरमौजूदगी में बंगाल से कांग्रेस के सीनियर सांसद अधीर रंजन चौधरी और केरल से सांसद सुरेश ने संसद सत्र से पहले लोकसभा की सर्वदलीय बैठक में पार्टी की नुमाइंदगी की थी।
चौधरी और सुरेश इस पद के प्रबल दावेदारों में एक
हालांकि लोकसभा में पार्टी और उपनेता का नाम घोषित होना अभी बाकी है लेकिन ऐसी अटकलें हैं कि चौधरी और सुरेश इस पद के प्रबल दावेदारों में से एक हैं। बताया जा रहा है कि तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर, मनीष तिवारी और गौरव गोगोई के नामों पर भी चर्चा हो रही है।
पार्टी चीफ के रूप में कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक का नाम
राहुल के इस्तीफा देने की पेशकश के 20 दिन बीत जाने के बाद भी कांग्रेस में संकट अभी खत्म नहीं हुआ है। कई लोग इसे पार्टी में एक खालीपन के तौर पर देख रहे हैं। अध्यक्ष पद के लिए कयासों का दौर भी जारी है। रविवार को कांग्रेस महासचिव मुकुल वासनिक का नाम पार्टी चीफ के रूप में सामने आने लगा। कांग्रेस में भी किसी नेता ने न तो इस खबर की पुष्टि की और न ही इनकार किया।
प्रियंका ने की हरियाणा कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के साथ बैठक
इस बीच, राहुल विदेश दौरे से लौट आए हैं। लेकिन वह संसद भवन नहीं पहुंचे हैं। पहले माना जा रहा था कि राहुल आज सांसदों के शपथ ग्रहण कार्यक्रम में भाग लेंगे। राहुल के विदेश लौटने के बाद उनकी बहन प्रियंका गांधी वाड्रा ने उनके निवास पर जाकर उनसे मुलाकात की, प्रियंका ने हरियाणा कांग्रेस नेता कुलदीप बिश्नोई के साथ बैठक की।
सब की नज़रें कांग्रेस पार्टी के अगले कदम पर
राहुल ने पार्टी के कुछ दिग्गज नेताओं पर पार्टी के लिए पूरी ताकत से काम नहीं करने का आरोप लगाते हुए नेताओं से मिलना रोक दिया था। पिछले सप्ताह कांग्रेस ने साफ किया था कि राहुल अध्यक्ष थे, हैं और रहेंगे। हालांकि पार्टी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि राहुल ने ऐसे कोई संकेत नहीं दिए हैं, जिससे पता चले कि उनके रुख में नरमी आई है। ऐसे में सभी की नजरें कांग्रेस पार्टी के अगले कदम पर लगी हुई हैं।