मुंबई। किसान आंदोलन ने जहाँ बड़ी रफ़्तार पकड़ ली है। अब किसान आरपार की लड़ाई के मूड़ में हैं। केंद्र सरकार के साथ पांचवे राउंड की बातचीत असफल रहने के बाद किसानों ने अब 8 दिसंबर को भारत बंद का ऐलान किया है। कई राजनीतिक दलों ने इसे समर्थन दिया है तो कई नेताओं ने किसान आंदोलन को लेकर चिंता भी जताई है। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार का कहना है कि अगर जल्द से जल्द समाधान नहीं हुआ तो देशभर के किसान पंजाब-हरियाणा के किसानों के साथ आंदोलन में शामिल हो जाएंगे।
शरद पवार ने कहा, ‘पंजाब और हरियाणा के किसान गेंहू और धान के मुख्य उत्पादक हैं और वे प्रदर्शन कर रहे हैं। अगर स्थिति का समाधान नहीं किया गया तो जल्द ही देशभर के किसान उनके साथ शामिल हो जाएंगे। जब बिल पास किया जा रहा था, हमने सरकार से गुजारिश की थी कि उन्हें जल्दबाजी नहीं दिखानी चाहिए।’ कृषि बिल को लेकर शरद पवार बोले, ‘बिल को चयन समिति के पास भेजा जाना चाहिए था और उस पर चर्चा की जरूरत थी लेकिन ऐसा नहीं हुआ और बिल पास कर दिया गया। अब सरकार को वही जल्दबाजी भारी पड़ रही है।’ अब केंद्र सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। केंद्र सरकार के पास तीनों बिलों को वापस लेने के आलावा और कोई रास्ता नहीं बचा है।