Home National कैबिनेट का फैसला / किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने की...

कैबिनेट का फैसला / किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने की मिलेगी आजादी

989
0

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर बुधवार को कैबिनेट की बैठक हुई। इसमें किसानों के लिए 3 बड़े फैसले लिए गए। आवश्यक वस्तु अधिनियम में बदलाव को मंजूरी दी गई। किसानों को अपनी मर्जी से फसल बेचने और दाम तय करने की आजादी दी गई। व्यापारी और किसान के बीच विवाद की स्थिति आने पर इसे कोर्ट से बाहर रखा जाएगा।

मोदी ने मंगलवार को इंडस्ट्री एसोसिएशन सीआईआई के कार्यक्रम में कहा था कि कोरोना संक्रमण रोकने के साथ ही सरकार का फोकस इकोनॉमी पर है। उन्होंने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए लोकल मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने पर भी जोर दिया था।

कैबिनेट के अहम फैसले

  • कोलकाता पोर्ट का नाम श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नाम पर किया जाएगा।
  • देश के 14 करोड़ किसानों में से 85% छोटे और मझोले हैं। उन्हें अपने उत्पादन का उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इसलिए दिक्कतें आती हैं।
  • सरकार किसानों के हितों के लिए लगातार फैसले ले रही है। 2022 तक किसान की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य है।
  • देश में निवेश बढ़ाने के लिए एम्पावर्ड ग्रुप ऑफ सेक्रेटरीज और प्रोजेक्ट डेवलपमेंट सेल्स बनाने की मंजूरी दी गई।
  • आवश्यक वस्तु अधिनियम में ऐसे संशोधन किए गए हैं, जिससे किसानों को आजादी मिलेगी। किसान ये तय कर सकेंगे कि वे अपने उत्पादों को कहां, कैसे और किस दाम पर बेचें। मंडी के प्रतिबंध खत्म करने के साथ ये भी ध्यान रखा गया है कि बाहर कोई इंस्पेक्टर राज नहीं चले।
  • व्यापारी और किसान के बीच कोई विवाद की स्थिति बनेगी तो इसे कोर्ट से बाहर रखा जाएगा। पहली शिकायत एसडीएम के पास जाएगी। उसे 30 दिन में फैसला करना होगा। एसडीएम के फैसले से संतुष्ट न होने पर कलेक्टर के पास अपील कर सकेंगे।

दो दिन पहले एमएसएमई से जुड़े प्रस्ताव मंजूर हुए थे
इकोनॉमी पर कोरोना का असर कम करने के लिए सरकार ने पिछले महीने 20 लाख करोड़ रुपए के आत्मनिर्भर भारत पैकेज का ऐलान किया था। इसके कुछ प्रस्तावों को दो दिन पहले हुई कैबिनेट की बैठक में मंजूरी दी गई थी। सोमवार की बैठक में छोटे-मध्यम उद्योगों के लिए 50 हजार करोड़ रुपए के फंड ऑफ फंड्स और आर्थिक दिक्कतों से जूझ रहे एमएसएमई के लिए 20 हजार करोड़ रुपए के कर्ज की योजना को मंजूरी दी थी। साथ ही खरीफ की 14 फसलों का समर्थन मूल्य बढ़ाने का फैसला भी हुआ था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here