Home International कोरोना के वुहान लैब से फैलने के अमेरिका दावे झूंठे: डब्लूएचओ

कोरोना के वुहान लैब से फैलने के अमेरिका दावे झूंठे: डब्लूएचओ

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वॉशिंगटन। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने अमेरिका के उस दावे पर सवाल उठाए हैं, जिसमें उसने कहा था कि कोरोनावायरस संक्रमण महामारी चीन के वुहान लैब से फैली है। डब्लूएचओ के इमर्जेंसी डायरेक्टर माइकल रैयान ने सोमवार को कहा हमें वायरस के वुहान के लैब में बनने से जुड़ा कोई सबूत या डाटा नहीं मिला है। हमारे हिसाब से यह केवल एक कल्पना मात्र है। डब्लूएचओ इससे पहले भी संक्रमण से निपटने के लिए चीन की तारीफ कर चुका है। ट्रम्प प्रशासन ने हाल के दिनों में संक्रमण को लेकर चीन पर हमले तेज कर दिए हैं।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के अलावा विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने भी कहा था कि यह वायरस वुहान के लैब में बना और वहीं से फैला। हमारे पास इसके सबूत हैं। अमेरिकी गृह विभाग की खुफिया रिपोर्ट में भी चीन के वायरस से जुड़ी जानकारी छिपाने की बात सामने आई है।

कोरोनावायरस पर अमेरिका और चीन आमने-सामने

  • दुनिया में कोरोना से अमेरिका सबसे ज्यादा प्रभावित है। देश में अब तक संक्रमण के आंकड़े 12 लाख से ज्यादा हो चुके हैं और 69 हजार से ज्यादा मौतें हुई हैं। यही वजह है कि अमेरिका पर भारी दबाव है। अमेरिका ने पहले चीन के उस दावे को नकारा था, जिसमें कहा गया था कि कोरोना चीन के वाइल्डलाइफ मार्केट से निकला।
  • बाद में चीन का आरोप था कि यूएस मिलिट्री ने चीन तक इस वायरस को पहुंचाया था। उधर, कुछ दिन पहले ट्रम्प ने कहा था कि हम दुनिया के सामने कोरोना का सच लेकर आएंगे।
  • अमेरिका ने विश्व स्वास्थ्य संगठन से भी नाराजगी जताई थी। कहा था कि डब्ल्यूएचओ ने चीन का फेवर किया और दुनिया को सही जानकारियां नहीं दीं।

ट्रम्प ने डब्ल्यूएचओ की फंडिंग पर रोग लगाई थी
अमेरिका डब्ल्यूएचओ पर चीन की तरफदारी करने का आरोप लगाया है । ट्रम्प ने कहा था कि डब्ल्यूएचओ को खुद के लिए शर्मिंदा होना चाहिए, क्योंकि उसने चीन के लिए एक जनसंपर्क एजेंसी की तरह काम किया है। दरअसल, ट्रम्प प्रशासन ने कोरोना को लेकर डब्ल्यूएचओ की भूमिका की जांच शुरू की है। साथ ही उसकी फंडिंग भी अस्थायी तौर पर रोक दी है।

कोरोना पर अमेरिका में ही विरोधाभास
यूएस इंटेलीजेंस कम्युनिटी ने इस सप्ताह कहा था कि कोरोनावायरस मानव निर्मित नहीं है। कम्युनिटी ने बताया था कि मौजूदा सबूतों और वैज्ञानिक सहमतियों से हम इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि किसी लैब में जेनेटिक मॉडिफिकेशन से भी यह नहीं बनाया गया है। इसे न इंसानों ने बनाया है और न इसे डिजाइन किया गया है। फिर भी हम लगातार बारीकी से जांच कर रहे हैं और हर एंगल को देख रहे हैं।

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