नई दिल्ली। चीन के वुहान से निकले कोरोना वायरस की उत्पत्ति संबंधी जांच कराने के लिए तैयार हो गया है। चीनी के विदेश मंत्री वांग यी ने कहा कि चीन कोरोना वायरस के पैदा होने संबंधी अंतरराष्ट्रीय जांच के लिए खुला है। बता दें कि इससे पहले चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने डब्लूएचओ की बैठक में जांच कराने से इनकार कर दिया था।
चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिका पर साधा निशाना
चीनी विदेश मंत्री ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के टिप्पणियों पर कहा कि वायरस की उत्पत्ति को लेकर चीन को कलंकित करने और अफवाह फैलाने की अमेरिकी कोशिशें विफल हुई हैं। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक के इतर भी अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया ने वायरस की उत्पत्ति संबंधी अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की थी।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए चीन खुला
चीन के वार्षिक संसद सत्र के मौके पर वांग यी ने बातचीत करते हुए कहा कि चीन वायरस के स्रोत को देखने के लिए अंतरराष्ट्रीय वैज्ञानिक समुदाय के साथ काम करने के लिए खुला है, हम मानते हैं कि यह जांच पेशेवर, निष्पक्ष और रचनात्मक होना चाहिए।
जरुरी है राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त हो जांच
निष्पक्षता का अर्थ है कि जांच प्रक्रिया राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त हो। सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करें और अनुमान के आधार पर किसी को अपराधी ठहराए जाने का विरोध करें। बता दें कि अमेरिका हमेशा से आरोप लगाता आया है कि कोरोना वायरस चीन के एक अति सुरक्षा वाले लैब से लीक हुआ है।
इससे पूर्व चीन के राष्ट्रपति नेकिया था जांच से इनकार
विश्व स्वास्थ्य संगठन की बैठक में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने कोरोना वायरस की उत्पत्ति संबंधी जांच से इनकार किया था। उन्होंने कहा था कि यह जांच कोरोना वायरस महामारी खत्म होने के बाद कराई जा सकती है। अब चीन के इस हृदय परिवर्तन ने दुनियाभर केे राजनीतिक विश्लेषकों को हैरत में डाल दिया है।
अब नए शीत युद्ध के कगार पर अमेेरिका-चीन
गौरतल है कि चीनी विदेश मंत्री ने दावा किया कि हाल के तनाव के कारण अमेरिका और चीन नए शीत युद्ध की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने ट्रंप प्रशासन की कड़ी आलोचना की। बता दें कि ताइवान और हांगकांग के मुद्दे पर भी चीन खुलकर अमेरिका को खरी-खोटी सुना चुका है।
चीनी विदेश मंत्री अमेरिका पर भड़के
चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने अमेरिका पर भड़कते हुए कहा कि चीन भी दूसरे देशों की तरह वैश्विक महामारी का शिकार हुआ है और दूसरी जरूरतमंद सरकारों की मदद की है। तथ्यों से अनजान कुछ अमेरिकी नेताओं ने बहुत झूठ गढ़े हैं और कई सारी साजिशें रची हैं। इस तरह के मुकदमे अंतरराष्ट्रीय कानून का शासन की कसौटी पर खरे नहीं उतरेंगे और ये विवेक से परे होंगे। यह झूठे, गैर-न्यायसंगत और गैरकानूनी हैं। चीन के खिलाफ इस तरह के वाद जो लोग लाएंगे, वे दिन में ही सपने देख रहे हैं और खुद को अपमानित करेंगे।’
अमेरिकी विदेश मंत्री ने दी थी ताइवान को शुभकामनाएं
अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ताइवान में दोबारा राष्ट्रपति चुने जाने पर त्साई-इंग वेन को शुभकामना दी थी। जिसके बाद चीनी विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिका को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।