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कोरोना संक्रमण ने तोड़ दी पर्यटन की कमर, वाह ताज की जगह ‘आह ताज’!

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आगरा। सम्पूर्ण विश्व के प्रसिद्द आश्चर्य में से एक आगरा का ताजमहल है। यहां की दीवारों पर जगह-जगह ‘अतिथि देवो भव’ लिखा हुआ है। इससे आप अंदाजा लगा सकते हैं कि यहां के लिए अतिथि ‘भगवान’ है। हो भी क्यों नहीं, यहां की आबादी का करीब एक चौथाई हिस्सा टूरिस्ट की कमाई से पेट पाल रहा है। ताज की संगमरमरी खूबसूरती को देखने के लिए ‘मुहब्ब्त के दीवाने’ इस शहर की ओर खिंचे चले आते हैं। लेकिन बीते कुछ माह से ताजनगरी कहा जाने वाला यह आगरा शहर बेहाल है। कोरोना संक्रमण के चलते लगे लॉकडाउन से यहां का टूरिस्ट कारोबार भी ‘लॉक’ हो गया है।

मुहब्बत की निशानी ताजमहल की खूबसूरती को निहारने के लिए देश विदेश से काफी संख्या में लोग यहां आते हैं लेकिन कोरोना संकट की वजह से लोगों के मुंह से अब ‘वाह ताज’ की जगह ‘आह ताज’ निकल रही है। टूरिस्ट कारोबार पूरी तरह चौपट हो चुका है। जो व्यक्ति एक दिन में दो से पांच हजार प्रतिदिन कमाता था। आज वह सौ रुपए के लिए भी इधर-उधर दौड़ रहा है। इस संकट से कारोबार को उबारने के लिए शहर के होटल ऐंड रेस्टोरेंट ऑनर्स असोसिएशन ने प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है कि वह ताजमहल से जुड़े उद्योगों की ओर ध्यान दें और उन्हें इस संकट की घड़ी से उबारें।

उबरने में लगेंगे दो से तीन साल
एसोशिएशन के अध्यक्ष रमेश वाधवा ने बताया कि कोविड-19 के कहर से अन्य उद्योग तो उबर जाएंगे, लेकिन पर्यटन उद्योग में स्थायित्व आने में दो से तीन वर्ष लग सकते हैं। वर्ष 2021 से पूर्व उम्मीद की कोई किरण नजर नहीं आ रही है। इस मुश्किल घड़ी में मध्यम वर्ग के होटल संचालकों लिए खर्च निकालना काफी मुश्किल भरा है। सरकार को उद्योग की सहायता करनी चाहिए, अन्यथा पर्यटन कारोबारी बर्बाद हो जाएंगे। लॉक डाउन में अब तक करीब तीन हजार करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हो चुका है। उन्होंने बताया कि ताजमहल देखने के लिए देश-विदेश से प्रतिदिन करीब 25 से 30 हजार पर्यटक आते हैं। टूरिस्ट सीजन में संख्या 35 से 40 हजार पहुंच जाती है। हर साल करीब दो हजार करोड़ रुपये का कारोबार होता है। ताजमहल से एएसआई को टिकटों से सालाना 104 करोड़ रुपए की आमदनी होती है। लगभग चार लाख लोगों की रोजी रोटी टूरिस्ट से जुड़ी हुई है।

अभी तक तीन बार बंद हो चुका है ताजमहल
आगरा का ताजमहल मुगल बादशाह शाहजहां ने अपनी बेगम मुमताज की याद में बनवाया था। वर्ष 1632 से 1648 के बीच यह बनकर तैयार हुआ था। इतने वर्षो के बीच में ताजमहल तीन बार लंबे समय के लिए बंद किया गया है। सन् 1971 की भारत-पाकिस्तान जंग के दौरान दिसंबर में 15 दिनों के लिए ताजमहल बंद किया गया था। वर्ष 1978 में बाढ़ आने के दौरान एक सप्ताह के लिए ताजमहल बंद किया गया और प्रथम विश्व युद्ध में भी ताज महल को कुछ दिन के लिए बंद किया गया था। आगरा के मेयर नवीन जैन ने ताजमहल के साथ जिले के अन्य स्मारक खोलने की अपील केंद्र सरकार से की है। इससे पर्यटन उद्योग से जुड़े करीब 4 लाख से ज्यादा लोगों को दुबारा से रोजगार मिलेगा। इसमें टूरिस्ट गाइड, फोटोग्राफर, ट्रेवल एजेंसी संचालक, होटल्स, एंपोरियम संचालक समेत अन्य तमाम लोग शामिल हैं।

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