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जनता ने पहुंचाया बीपीएल कार्डधारक को संसद

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अमरावती। पिछले कुछ समय से ऐसी धारणा बन गई है कि लोकतंत्र सिर्फ अमीरों तक ही सीमित नहीं, इसी धारणा को खारिज करते हुए जनता ने अपने बीच से लोगों को चुनकर इस बार संसद भेजा है। आंध्र प्रदेश में वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के 22 सासंदों में से किसान, सर्किल इंस्पेक्टर, फिजिकल एजुकेशन टीचर और ग्रुप 1 ब्यूरोक्रेट भी शामिल हैं।

नंदीगम सुरेश भी बीपीएल कार्डधारक हैं

बापटला लोकसभा क्षेत्र से चुने गए नए सांसद नंदीगम सुरेश बीपीएल कार्डधारक हैं। सुरेश अमरावती क्षेत्र के उड्डानडरायुनीपालेम गांव में केले की खेती करते हैं। सुरेश के परिवार के पास गांव में दो एकड़ जमीन है जो उनके संयुक्त परिवार के लिए आजीविका का साधन है। सुरेश पार्ट टाइम फोटोग्राफर के रूप में भी काम करते हैं और अपने परिवार को सहयोग देते हैं।

2009 में तत्कालीन आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के निधन के बाद सुरेश उनके बेटे वाईएस जगनमोहन रेड्डी के समर्थक बन गए। इसके बाद जब जगन ने वाईएसआर कांग्रेस बनाई तो सुरेश नई पार्टी के यूथ विंग के नेता चुने गए। सुरेश ने आरोप लगाया कि 2015 में पुलिस ने आगजनी की घटना में उन्हें जबरन फंसाने की कोशिश की थी जहां केले की नर्सरी में आग लग गई थी और वाईएसआरसी अध्यक्ष जगनमोहन रेड्डी का नाम शामिल कराने के लिए उन्हें प्रताड़ित किया गया।

सुरेश पर यकीन करते हुए बनाया इनचार्ज

सुरेश ने बताया, ‘सर्कल इंस्पेक्टर सी कोटेश्वर राव ने मुझसे एक कबूलनामा लेने की कोशिश की कि मैंने जगन के कहने पर आग लगाई। मैंने इनकार कर दिया और कहा कि न ही मैंने घटना की है और न ही जगन ने ऐसा करने के लिए मुझसे कहा।’ जगन ने पिछले साल सुरेश को बापटला लोकसभा क्षेत्र का इनचार्ज बना दिया। सुरेश ने जगन से आग्रह किया कि उन्हें यह पोस्ट न दी जाए क्योंकि वह हिंदी और इंग्लिश जाने बिना इसके योग्य नहीं हैं और न ही उनके पास पैसे हैं। जगन ने फिर भी उन्हें इनचार्ज बनाए रखा और लोकसभा चुनाव के लिए सुरेश को यहां से उम्मीदवार भी बना दिया।

सुरेश बताते हैं, ‘जगन अन्ना ने मुझसे हाथ जोड़कर लोगों से मिलने के लिए कहा और विधानसभा के उम्मीदवारों के साथ सहयोग रखने की सलाह दी। बाकी जो हुआ वह इतिहास है।’ सुरेश ने पूर्व आईटी कमिश्नर और टीडीपी सांसद माल्याद्री श्रीराम को हराया था।

छह बार के टीडीपी सांसद किशोर चंद्र देव को 2,24,098 वोटों से हराया

अरकु से नई सांसद गोदेती माधवी की कहानी भी सुरेश से मिलती-जुलती है। वह कॉन्ट्रैक्ट पर एक फिजिकल एजुकेशन टीचर हैं। माधवी पूर्व दिवगंत विधायक जी देमुडु की बेटी हैं और देश की युवा सांसदों में से एक हैं। चुनाव आयोग को जमा कराए गए अपने हलफनामे में माधवी ने अपनी संपत्ति 1।4 लाख रुपये बताई। माधवी की संपत्ति देश में सबसे कम संपत्ति रखने वाले उम्मीदवारों में से एक है। उन्होंने छह बार के टीडीपी सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर चंद्र देव को 2,24,098 वोटों के अंतर से हराया।

चुनाव लड़ने से पहले नौकरी से इस्तीफा दिया

पिछड़े समुदाय कुरुबा से ताल्लुक रखने वाले सर्कल इंस्पेक्टर गोरंतला माधव की कहानी भी कुछ ऐसी ही है। उन्होंने चुनाव से पहले अपने नौकरी से इस्तीफा दिया और अनंतपुर जिले के हिंदूपुर क्षेत्र से जीत हासिल की। माधव तब चर्चा में आए जब उन्होंने टीडीपी सांसद जेसी दिवाकर रेड्डी पर क्षेत्र में कानून-व्यवस्था को बदहाल करने का आरोप लगाया। जगन ने तुरंत उन्हें अपनी पार्टी वाईएसआरसी में शामिल कर लिया।

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