- सन् 1939 में एडोल्फ हिटलर को शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामांकित किया गया था।
- हिटलर की मूंछो को ‘टुथब्रश मुछें’ कहा जाता है।
- 16 साल की उम्र में हिटलर ने स्कूल छोड़ कर पोस्टकार्ड पर चित्र बनाकर अपना निर्वाह किया, प्रथम विश्वयुद्ध छिड़ने पर हिटलर सेना में भर्ती हो गये।उन्हें दो बार ‘आयरन क्राॅस’ से सम्मानित किया गया।
- साल 1938 में टाइम्स मैगजीन ने हिटलर को ‘द मैन ऑफ द ईयर’ का टाइटल दिया था।
ग्लोबल डेस्क। जर्मन तानाशाह ऐडॉल्फ हिटलर के बारे में आपने कई बातें पढ़ी और सुनी होंगी। यह तो सबको पता है कि वह एक क्रूर शासक था।आज यानि 20 अप्रैल को ऐडॉल्फ हिटलर के जन्मदिन पर जानिए उससे जुड़ी कुछ रोचक बातें…
चार्ली चैपलिन से था इंस्पायर
हिटलर के प्रेस सेक्रेटरी ने 1923 में एक बार उनसे अपनी ट्रेडमार्क मूछें हटाने के लिए कहा था। इस पर हिटलर ने जवाब दिया, ‘क्या हुआ जो अभी ये फैशन में नहीं हैं। बाद में इनका ही फैशन होगा क्योंकि मैंने ऐसी मूछें रखी हैं।’ हिटलर के बर्थ प्लेस ऑस्ट्रिया में यह स्टाइल काफी पॉप्युलर हुआ। बताया जाता है कि हिटलर चार्ली चैपलिन को काफी पसंद करता था, उसी से इंस्पायर होकर उसने ऐसी मूंछ रखी थी।
स्वास्तिक को मानता था, जादुई शक्तियों वाला
रिपोर्ट्स के अनुसार हिटलर काफी अंधविश्वासी था।वह पब्लिक प्लेस पर कभी अपना कोट नहीं उतारता था भले ही उसे कितनी भी गर्मी लगे। माना जाता है कि ऐसा वह किसी अंधविश्वास के चलते करता था। वह ऐस्ट्रॉलजर्स से कंसल्ट करता रहता था। इसके अलावा स्वास्तिक को जादुई शक्तियों वाला मानता था। उसके कोट की आस्तीन पर स्वास्तिक का चिह्न सजा रहता था।
अँधेरे से लगता था डर
हिटलर को अंधेरे से डर लगता था जिसके चलते वह देर रात में सोने के बजाय सुबह 4 से 5 बजे सोता था और 11 बजे सोकर उठता था। बेड पर जाने से पहले अपनी मेड से बिस्तर चेक करने को कहता था। बताया जाता है कि उसे अनजान चीजों का डर था।
समाज की भलाई के लिए भी किये काम
हिटलर भले एक क्रूर शासक था पर समाज की भलाई के लिए उसने कुछ अच्छे कामों को भी किया था ।आधुनिक इतिहास में पहली बार हिटलर वह पहला इंसान था, जिसने धूम्रपान विरोधी अभियान का आगाज किया।हिटलर की वजह से कई लोगों की जान गई। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिस व्यक्ति ने इंसानों के साथ क्रूरता की सारी हदें पार कर दीं और दुनिया जिसके नाम से डरती थी, वह हिटलर शुद्ध रूप से शाकाहारी था। इतना ही नहीं, उसने पशु क्रूरता के खिलाफ एक कानून भी बनाया था।