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जानिए, ग्रुप और निजी हेल्थ इंश्योरेंस में क्या है फर्क?

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ग्रुप और निजी हेल्थ इंश्योरेंस क्या है?
जब किसी कंपनी या संस्थान द्वारा अपने कर्मचारियों को हेल्थ इंश्योरेंस प्रोवाइड कराया जाता है तो उसे ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस कहते हैं।

वहीं अगर आपके पास ऐसा कोई हेल्थ इंश्योरेंस है जो आपको किसी कंपनी या संस्थान से नहीं मिला है, बल्कि आपने खुद खरीदा है उसे निजी (इंडिविजुअल) हेल्थ इंश्योरेंस कहते हैं।

यह था ग्रुप और निजी हेल्थ इंश्योरेंस में बेसिक फर्क। लेकिन अगर आप ग्रुप कवरेज से इंडिविजुअल कवरेज में मूव कर रहे हैं तो आप पर इसका क्या असर होगा और इसके साथ ही इनमें क्या फर्क होगा?

ग्रुप vs इंडिविजुअल कवरेज
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस की बात करें इसके कवरेज में निम्न चीजें मिलती हैं…

आपको हेल्थ इंश्योरेंस प्लान चुनने का विकल्प मिलता है
मंथली प्रीमियम के आंशिक हिस्से का भुगतान
हर बार अपने हिस्से के प्रीमियम का भुगतान अपनी सैलरी से डिडक्ट करवाना
अपने प्लान डॉक्यूमेंट्स को प्रोवाइड कराना
आपसे प्लान के बारे में सवाल पूछे जाएं

लेकिन अगर आपने हेल्थ इंश्योरेंस खुद खरीदा है तो इंडिविजुअल कवरेज में ये फायदे मिलते हैं…
आपको ऐसा प्लान चुनना और खरीदना होगा जिसमें आप व आपके परिवार को कवरे मिले
अपना प्लान खरीदें
सभी मंथली प्रीमियम पेमेंट्स का भुगतान खुद करना होगा
हेल्थ कवरेज और उसमें मिलने वाले फायदे के बारे में पूरी जानकारी रखना और उसे खुद मैनेज करना
रिटायरमेंट के बाद इंडिविजुअल हेल्थ पॉलिसी ही काम आती है क्योंकि कंपनी से मिलने वाला कवर खत्म हो जाता है। इसलिए जरूरी है कि पहले से इंडिविजुअल पॉलिसी भी खरीद लें

ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में मिलने वाले फायदे
ग्रुप हेल्थ इंश्योरेंस में पहले दिन से ही पहले से मौजूद बीमारी के लिए भी कवरेज मिलता है
मैटरनिटी बेनिफिट के लिए कोई वेटिंग पीरियड नहीं होता
इंडिविजुअल पॉलिसी की तुलना में 25 फीसदी तक सस्ता होता है
इस पॉलिसी में आमतौर पर पति या पत्नी, बच्चे और मां-बाप शामिल होते हैं
आमतौर पर इसमें 5 लाख रुपये तक कवर मिलता है, आप चाहें तो अतिरिक्त टॉपअप लेकर लिमिट बढ़ा सकते हैं

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