हेल्थ डेस्क। इम्यूनिटी यानी रोग प्रतिरोधक क्षमता नवजात शिशु में बेहद कमजोर होती है, और ऐसे में बच्चे के इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाने में माँ अहम रोल अदा करती है। हाल ही में हुई एक स्टडी के नतीजे बताते हैं कि माँ प्लेसेंटा के जरिए अपने शरीर के ऐंटिबॉडीज को अपने नवजात बच्चे में ट्रांसफर कर देती हैं।
मैटरनल वैक्सीन विकसित करने की बात कही
इस स्टडी में अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने यह जानने की कोशिश की कैसे एक प्रेग्नेंट महिला के शरीर की वैक्सीन से प्रेरित इम्यूनिटी उसके होने वाले बच्चे में ट्रांसफर होती है। यही वजह है कि और ज्यादा बेहतर मैटरनल वैक्सीन विकसित करने की बात भी कही जा रही है।
गैलिट ऑल्टर का कहना
सेल पेपर नाम के जर्नल में प्रकाशित इस स्टडी के लीड ऑथर गैलिट ऑल्टर कहते हैं, जब बच्चा पैदा होता है तो अपने जीवन के पहले ही दिन वह ब्रैंड न्यू इम्यून सिस्टम के साथ आता है। ऐसे में बच्चों को वातावरण में मौजूद माइक्रोब्स में से कौन से मददगार हैं और कौन हानिकारक इसमें अंतर करना खुद ही सीखना पड़ता है।
ऐंटिबॉडीज ट्रांसफर का काम करता है प्लेसेंटा
अनुसंधानकर्ताओं की मानें तो नवजात बच्चे के इम्यून सिस्टम को दोस्त और दुश्मन के बीच का फर्क समझाने के लिए माएं अपने शरीर के ऐंटिबॉडीज को प्लेसेंटा के जरिए बच्चे में ट्रांसफर कर देती हैं। हालांकि प्लेसेंटा यह बेहद अहम कार्य कैसे करता है इस बारे में अब तक कोई जानकारी नहीं मिली है। मां के शरीर की ऐंटिबॉडीज कुछ बीमारियों जैसे मीजल्स में मां से नवजात में ट्रांसफर होकर बच्चे को तब तक बीमारी से बचाकर रखती हैं जब तक बच्चा खुद वैक्सीन लेने लायक न हो जाए। लेकिन पोलियो जैसी बीमारियों में बच्चे में ट्रांसफर हुई मां की ऐंटिबॉडीज असरदार साबित नहीं होती।