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जिस पर बरसाई थीं गोलियां आखिर उसने क्यों दिया नक्सली को बचाने के लिए खून

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नई दिल्ली। आपको सुनकर बड़ा अजीब लगा होगा लेकिन यह बात 100 आने सच है। जिस नक्सली ने सीआरपीएफ की टीम पर हमला बोला था उसके घायल हो जाने पर उसे बचाने के लिए एक सीआरपीएफ नो इंसानियत की मिसाल देते हुए उसे अपना खून दिया।
झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाकों में अकसर नक्सलियों और सीआरपीएफ जवानों के बीच मुठभेड़ की खबरें आती रहती हैं।

हालांकि इस बार यहां बेहद अलग मामला सामने आया है। दरअसल, एक सीआरपीएफ जवान ने इंसानियत की मिसाल पेश करते हुए मौत से जूझ रहे एक नक्सली को अपना खून को देकर उसकी जान बचाई है। जानकारी के मुताबिक, यह नक्सली अपने साथियों के साथ सीआरपीएफ टीम पर ही हमले के लिए एक गांव में छिपा हुआ था। इसी दौरान मुठभेड़ में ये नक्सली गंभीर रूप से घायल हो गया और सीआरपीएफ ने इसे पकड़ लिया। उसकी गंभीर हालत को देखते हुए अस्पताल पहुंचाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया उसे खून की जरूरत है। ऐसे में एक सीआरपीएफ जवान ने आगे बढ़कर इस नक्सली को खून दिया, जिससे उसकी जान बच सकी।

29 जनवरी को झारखंड के खूंटी में हुई थी मुठभेड़ पूरा मामला 29 जनवरी का है, जब झारखंड के नक्सल प्रभावित इलाके खूंटी के बंदगांव में सीआरपीएफ की 209-कोबरा बटालियन और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई थी। इस दौरान ओर से जमकर फायरिंग हुई, जिसमें पांच नक्सली मारे गए और दो घायल हुए थे। मुठभेड़ खत्म होने के बाद सीआरपीएफ टीम ने दोनों घायल नक्सलियों को कब्जे में ले लिया। हालांकि इस दौरान उन्होंने मानवता की मिसाल पेश की।

सीआरपीएफ जवान ने पेश की इंसानियत की मिसाल सीआरपीएफ अधिकारी संजय आनंद लाठकर ने बताया कि मुठभेड़ खत्म होने के बाद जवानों ने तुरंत ही घायल नक्सलियों की जान बचाने के लिए पहले उन्हें प्राथमिक उपचार दिया। बाद में उन्हें रांची के एक अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया। अस्पताल में इलाज के दौरान डॉक्टरों ने बताया कि एक नक्सली का खून ज्यादा बहने की वजह से उसकी हालत बेहद गंभीर है। इस नक्सली की जान बचाने के लिए बी-पॉजिटिव खून की तुरंत जरूरत थी।

बेहद गंभीर हालत में था मुठभेड़ में घायल नक्सली इस बात की जानकारी जैसे ही सीआरपीएफ के 133वीं बटालियन के एक जवान राजकमल को हुई, वह तुरंत ही इस नक्सली को खून देने के लिए तैयार हो गए। वो तुरंत ही नक्सली को बचाने के लिए अस्पताल पहुंचे और स्वेच्छा से खून देने की पेशकश की।

सीआरपीएफ के आईजी संजय आनंद लाठकर ने बताया कि जवान राजकमल की इस पेशकश को तत्काल स्वीकार करते हुए उसे अस्पताल की तरफ रवाना कर दिया गया। जवानों पर हमले के इरादे से आए थे नक्सली अस्पताल पहुंचकर सीआरपीएफ जवान ने अपना खून दान किया, जिसके बाद गंभीर रूप से घायल नक्सली की जान बचाई जा सकी। वहीं सीआरपीएफ जवान राजकमल की मानवता को देखते हुए सीआरपीएफ मुख्यालय ने उन्हें दो हजार रुपये नगद और प्रशस्ति-पत्र प्रदान किया।

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