नई दिल्ली. दो महीने तक जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करने वाले कारोबारी 21 जून से ई-वे बिल जेनरेट नहीं कर पाएंगे। कंपोजीशन स्कीम में रजिस्टर्ड कारोबारियों को हर तिमाही रिटर्न फाइल करना पड़ता है। वे अगर लगातार दो तिमाही यानी 6 महीने तक जीएसटी रिटर्न फाइल नहीं करते, तो वे भी ई-वे बिल जेनरेट नहीं कर पाएंगे। इनडायरेक्ट टैक्स की शीर्ष बॉडी सीबीआईसी ने इसके बारे में अधिसूचना जारी की है। 50 हजार रुपए से अधिक का सामान ले जाने के लिए ई-वे बिल जरूरी होता है। विशेषज्ञों के अनुसार रिटर्न फाइल नहीं करने वालों का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल किया जा सकता है।नई व्यवस्था लागू होने से ये फायद होगा की गड़बड़ी शुरू में सामने आ जाएगी।कोई भी कंपनी रिटर्न फाइल नहीं करने वालों को सामान नहीं बेच सकेगी। ई-कॉमर्स, लॉजिस्टिक्स, एफएमसीजी और फ्रेंचाइजी मॉडल पर काम करने वाली कंपनियों को ऐसा सिस्टम तैयार करना होगा जिसमें रिटर्न में डिफॉल्ट करने वाले बाहर हो जाएं। पिछले साल 15,278 करोड़ की जीएसटी चोरी पकड़ी गई।जुलाई 2017 से नवंबर 2018 तक जीएसटी में रजिस्टर्ड कारोबारियों की संख्या 32% बढ़ी, लेकिन रिटर्न फाइल नहीं करने वाले 167% बढ़ गए। कंपोजीशन कारोबारियों की संख्या भी 55% बढ़ी, लेकिन इनमें रिटर्न फाइल नहीं करने वाले 162% बढ़े। अभी रिटर्न फाइल नहीं करने वाले 40-45% हैं। वैट के समय राज्यों में ये 43-45% होते थे। पिछले साल अप्रैल से दिसंबर के दौरान 3,626 मामलों में 15,278 करोड़ रुपए की जीएसटी चोरी पकड़ी गई। व्यापारियों की राय है यह आदेश एक जुर्म की दो सजा की तरह है। रिटर्न में देरी पर पेनल्टी की व्यवस्था है तो ई-वे बिल से वंचित करना अनुचित है। इससे छोटे व्यापारियों को बहुत दिक्कत होगी।
ई-वे बिल में बदलाव, पिन कोड से दूरी तय होगी। पिन कोड के आधार पर दो जगहों के बीच की दूरी सिस्टम अपने आप कैलकुलेट करेगा। कारोबारी दूरी मैनुअली भी भर सकेंगे, लेकिन अंतर ऑटो-कैलकुलेशन के 10% से ज्यादा नहीं होना चाहिए। उदाहरण के लिए दो पिन कोड के बीच दूरी 655 किमी है, तो कारोबारी 720 (655+65) किमी तक भर सकेंगे। एक इनवॉयस यानी बिल नंबर के आधार पर एक से ज्यादा ई-वे बिल जेनरेट नहीं होंगे। जरूरत पड़ने पर ई-वे बिल की वैलिडिटी बढ़ाने के लिए आवेदन किया जा सकेगा।कंपोजीशन के लिए रिटर्न फॉर्म आसान किया गया। सेल्फ असेसमेंट वाला रिटर्न फाइल कर सकेंगे। इसके लिए सीएमपी 08 फॉर्म दिया गया है। अभी तक 7 पन्नों वाला जीएसटीआर-4 रिटर्न फाइल करना पड़ता था। अब जीएसटीआर-4 साल में एक बार 30 अप्रैल तक भरना पड़ेगा।