झारखंड। विधानसभा चुनाव के पांचवें चरण के तहत कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुधवार को साहेबगंज जिले की पाकुड़ विधानसभा क्षेत्र के बरहड़वा में पहुंची। चुनावी सभा को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा कि भाजपा सरकार आदिवासियों की जमीन छीनकर झारखंड में भूमि बैंक’ बना रही है।कांग्रेस महासचिव ने कहा कि कांग्रेस हमेशा आदिवासियों की संस्कृति और परंपरा की रक्षा करती है। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि केंद्र सरकार गरीबों से पैसा छीनकर अमीरों को दे रही है।
प्रियंका ने कहा कि ये चुनाव आपकी मिट्टी और मां का चुनाव है, झारखंड के अस्तित्व का चुनाव है। जंगल के हजारों रंग होते हैं लेकिन बीजेपी को ये रंग दिखाई नहीं देते हैं।
चुनाव के अंतिम चरण के प्रचार के लिए प्रियंका गांधी पाकुड़ से कांग्रेस प्रत्याशी आलमगीर आलग और गठबंधन के पक्ष में मतदान करने की अपील करेंगी। इस दौरान प्रियंका गांधी रोड शो भी करेंगी। झारखंड विधानसभा चुनाव के पांचवें और अंतिम चरण के तहत 16 सीटों पर 20 दिसंबर को मतदान किए जाएंगे।
छात्रों ने आवाज उठाई, तो पुलिस ने उन पर लाठी चलाई
नागरिकता कानून को लेकर भी प्रियंका ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि दिल्ली में जब छात्रों ने आवाज उठाई, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया। इसके विरोध में देश भर में छात्र अब सड़क पर प्रदर्शन कर रहे हैं। केंद्र सरकार युवाओं की आवाज दबाना चाहती है।
राहुल गांधी पांच जनसभा को संबोधित कर चुके हैं
प्रियंका पहली बार राज्य में हो रहे विधानसभा के चुनाव प्रचार के लिए आ रही है, इससे पहले वायनाड सांसद और उनके भाई राहुल गांधी राज्य में तीन बार चुनाव प्रचार के लिए आ चुके हैं। तीन दौरों में राहुल ने पांच जनसभाओं को संबोधित किया। राहुल ने 12 दिसंबर को महगामा-राजमहल, नौ दिसंबर को बड़कागांव-बीआईटी मेसरा और दो दिसंबर को सिमडेगा में चुनावी सभा को संबोधित कर गठबंधन प्रत्याशियों के लिए वोट अपील की थी।
प्रसाद गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया
पाकुड़ विधानसभा सीट पर भाजपा और कांग्रेस प्रत्याशियों के बीच सीधा मुकाबला है। इस विधानसभा सीट से भाजपा ने बेनी प्रसाद गुप्ता को अपना उम्मीदवार बनाया है, जबकि कांग्रेस ने आलगगीर आलम पर एक बार फिर भरोसा जताते हुए, उन्हें मैदान में उतारा है।
2000 के चुनाव में भाजपा के बेनी गुप्ता को आलमगीर आलम ने हराया था। अलमगीर 2005 में भी इस सीट से विधायक बने थे। लेकिन 2009 के चुनाव में उन्हें झामुमो के अकील अख्तर से मात खानी पड़ी। 2014 के चुनाव में आलमगीर ने अकील को हराकर दोबारा सीट पर कब्जा किया।