हेल्थ डेस्क। एक्सपर्ट्स का कहना है की जिन लोगों को डायबीटीज है, उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है, इस खतरे से बचने के लिए नियमित हेल्थ चेकअप और लाइफस्टाइल में बदलाव लाने की ज़रुरत है, भारत में करीब 6.99 करोड़ लोगों को डायबीटीज है और दुनिया में इस बीमारी से पीड़ित देशों में यह 10वें नंबर पर है। इसके अलावा 3.65 करोड़ लोग प्रीडायबीटिक कंडिशन से जूझ रहे हैं।
डायबीटीज के मरीजों के लिए रूटीन चेकअप है जरूरी
कालरा हॉस्पिटल के सीईओ डॉक्टर आरएन कालरा कार्डियॉलजिस्ट बताते हैं, ‘डायबीटीज से ब्लड वसेल्स डैमेज हो जाती हैं जिससे मरीज को कार्डियोवस्कुलर डिजीज का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए यह सलाह दी जाती है कि डायबीटीज के मरीजों को दिल की बीमारी के खतरे को चेक करवाते रहना चाहिए और वैसे ही रूटीन चेकअप करवाते रहना चाहिए जैसे हार्ट अटैक के मरीज करवाते हैं। वहीं बीएलके सुपरस्पेशलिटी हॉस्पिटल के एंडोक्राइनोलॉजिस्ट डॉक्टर अजय कुमार अजमानी का कहना है कि स्टडीज से साबित हो चुका है कि डायबीटीज के मरीजों को छोटी उम्र में ही दिल की बीमारी का खतरा रहता है। वह बताते हैं, ‘एक नई स्टडी से यह भी खुलासा हुआ है कि जिन लोगों की डायबीटीज डिटेक्ट नहीं हो पाती उन्हें हार्ट अटैक का खतरा ज्यादा रहता है। इसलिए रुटीन चेकअप से इस खतरे से बचा जा सकता है।’
प्रेग्नेंट महिलाओं में डायबीटीज से भ्रूण को हार्ट डिफेक्ट का खतरा
स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अर्चना धवन बजाज बताती हैं कि प्रेग्नेंट महिलाओं में डायबीटीज से भ्रूण को हार्ट डिफेक्ट, जेनाइटल यूरिनरी डिफेक्ट जैसी कई समस्याएं हो सकती हैं। कई बार इससे भ्रूण नष्ट तक हो सकता है। वह बताती हैं कि सीवियर केस में हार्ट फेल होने तक का खतरा रहता है। डॉक्टर्स की सलाह है कि ऐसी कंडिशन में लाइफस्टाइल में बदलाव लाएं, कम से कम 5 दिन 30 मिनट ब्रिस्क वॉक करें, हेल्दी डायट लें और स्मोकिंग और ड्रिंकिंग छोड़ दें।