काठमांडू। एशियाई देशों पर दबदबे की कोशिश में लगे चीन की निगाहें अब नेपाल पर टिकी हैं। नेपाल में कुछ शिक्षकों को सैलरी देने का लालच देकर चीन ने वहां मंदारिन (चीनी भाषा) अनिवार्य करवा ली है। मिली जानकारी के मुताबिक, चीन की सरकार के नेपाल में मंदारिन (चीनी भाषा) पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने की पेशकश की। इसके बाद नेपाल के कई प्राइवेट स्कूलों ने छात्रों के लिए इस भाषा को सीखना अनिवार्य कर दिया है।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब नेपाल में चीन का दखल बढ़ता जा रहा है। खास तौर पर चीन की महत्वाकांक्षी बेल्ट और रोड परियोजना की पृष्ठभूमि में। भारत इस परियोजना का विरोध कर रहा है क्योंकि इसके तहत आने वाला चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर से होकर गुजरेगा।
खबरों के मुताबिक, नेपाल के कई स्कूलों ने छात्रों के लिए चीनी भाषा मंदारिन सीखना अनिवार्य कर दिया है क्योंकि चीन की सरकार ने मंदारिन पढ़ाने वाले शिक्षकों के वेतन का भुगतान करने की पेशकश की है।
नेपाल में स्कूल का पाठ्यक्रम तैयार करने वाली इकाई करिकुलम डिवेलपमेंट सेंटर के दिशानिर्देश के मुताबिक, नेपाल के स्कूल छात्रों को विदेशी भाषा पढ़ा सकते हैं लेकिन वह इसे अनिवार्य नहीं बना सकते हैं।