हरिद्वार। जहां एक तरफ पूरी दुनिया कोरोना वायरस की वैक्सीन बनाने में जुटी है। वहीं दूसरी तरफ, योग गुरु बाबा रामदेव की पतंजलि आयुर्वेद ने कोरोना की दवा लॉन्च कर दी है। बाबा रामदेव के मुताबिक, उनकी दवा इतनी असरदार है कि कोरोना के माइल्ड से मॉडरेट केसेज 3 से 7 दिन में रिकवर हो जाते हैं। मंगलवार को दवा की लॉन्चिंग के अवसर पर बाबा ने कहा कि क्लिनिकल केस स्टडी और क्लिनिकल कंट्रोल्ड ट्रायल के बाद, यह दवा बाजार में उतारी जा रही है।
कोरोनिल टैबलेट
कोरोनिल टैबलेट में गिलोय, तुलसी और अश्वगंधा मूल घटक हैं। यह इम्यून सिस्टम को मजबूत करते हुए मधुमेह और ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने में मदद करता है। रामदेव के मुताबिक, अश्वगंधा से कोविड-19 के रिसेप्टर-बाइंडिंग डोमेन को शरीर के ऐंजियोटेंसिन-कन्वर्टिंग एंजाइम से नहीं मिलने देता। यानी कोरोना इंसानी शरीर की स्वस्थ्य कोशिकाओं में घुस नहीं पाता। वहीं गिलोय कोरोना संक्रमण को रोकता है। तुलसी कोविड-19 के RNA पर अटैक करती है और उसे मल्टीप्लाई होने से रोकती है।
श्वासारि सर्दी-खांसी-जुकाम में कारगर
रामदेव ने कहा कि शरीर में ऑक्सीजन की कमी होने पर श्वासारि देने से फायदा होता है। यह दवा सर्दी, खांसी, जुकाम को भी एक साथ डील करती है। यह मुलेठी, शहद, अदरक और तुलसी जैसी 16 जड़ी-बूटियों से बनी है। अणुतेल नाक में डालना होता है। ये भी कोरोना से बचाव करता है।
मरीजों पर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल
रामदेव का दावा है कि कोरोनिल की क्लीनिकल केस स्टडी में 280 मरीजों को शामिल किया। फिर 100 मरीजों के ऊपर क्लीनिकल कंट्रोल ट्रायल की गई। 3 दिन के अंदर 69% मरीज पॉजिटिव से निगेटिव हो गए और 7 दिन के अंदर 100% रोगी ठीक हो गए। वहीं डेथ रेट 0% रहा।
535 रुपए में मिलेगी 3 दवाओं की कोरोना किट
रामदेव ने जो कोरोना किट लॉन्च की है, उसमें कोरोनिल के अलावा श्वासारि वटी और अणु तेल भी हैं। रामदेव का कहना है कि तीनों को साथ इस्तेमाल करने से कोरोना का संक्रमण खत्म हो सकता है और महामारी से बचाव भी संभव है। यह किट 535 रुपए में मिलेगी। इसमें 30 दिन का डोज होगा।
एक सप्ताह में पतंजलि स्टोर से मिलने लगेगी किट
रामदेव ने कहा कि अगले सोमवार को ऑर्डर-मी ऐप लॉन्च करेंगे, जिससे देशभर के लोग घर बैठे दवा मंगवा सकेंगे। ऑर्डर की डिलीवरी 1-3 दिन में कर दी जाएगी। साथ ही अगले 7 दिन में दवा सभी पतंजलि स्टोर में भी मिलने लगेगी।
बाबा रामदेव का दावा है कि उन्होंने दवा के लिए पहले एथिकल अप्रूवल लिया, फिर भारत की क्लिनिकल ट्रायल रजिस्ट्री से ट्रायल की परमिशन ली। इसके बाद दवा का ट्रायल शुरू हुआ। उन्होंने कहा कि इस दवा का क्रिटिकल पेशंट्स पर सेकेंड ट्रायल होगा। रामदेव का दावा है कि इस दवा को लॉन्च करने तक सारे वैज्ञानिक नियमों का पालन किया गया है।
भारत में आयुर्वेदिक दवाओं को मंजूरी देने का जिम्मा आयुष मंत्रालय के पास है। सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन आयुर्वेदिक साइंसेज पूरी प्रक्रिया पर नजर रखती है। वहीं, एलोपैथिक दवाओं को डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज के तहत आने वाले सेंट्रल ड्रग्स स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन अप्रूव करती है। हाल ही में इसने कोरोना के इलाज के लिए तीन दवाओं- Fabiflu, Covifor, Cipremi को मंजूरी दी है।