पाइल्स की समस्या किसी को भी हो सकती है। इससे न दरें और न शर्माएं। अनियमित जीवनशैली और खानपान के कारण लोगों को कई गंभीर शारीरिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है, इन्हीं में से एक बवासीर है। इसमें शौच करते समय अत्यधिक पीड़ा और खुजली होती है। बवासीर दो प्रकार से हो सकता है एक खूनी बवासीर और दूसरा मस्से वाला बवासीर। बवासीर को पाइल्स भी कहा जाता है, जो गुदा और मलाशय में मौजूद नसों में सूजन व तनाव के कारण होता है। बवासीर से पीड़ित लोगों को अपने खानपान का बहुत अधिक ध्यान रखने की जरूरत होती है, क्योंकि ऐसा न करने पर समस्या विकराल रूप ले सकती है।
बहुत से लोग मिर्च और चटपटा मसालेदार खाना बेहद पसंद करते हैं, लेकिन बवासीर से ग्रस्त मरीजों को हरी या लाल मिर्च खाने से परहेज करना चाहिए, क्योंकि यह स्थिति को बदतर बनाता है। इसके अलावा उन्हें तेज मसालों के सेवन से भी बचना चाहिए। नशा करने से भी बचना चाहिए।
नशा करना बवासीर रोगियों के लिए खतरनाक हो सकता है। जो लोग सुपारी, गुटखा, पान मसाला के शौकीन हैं उन्हें इन चीजों से बचना चाहिए। बवासीर रोगियों को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि नशे की लत हो जाने पर कई बार देखने को मिलता है कि बिना नशा किए उनका पेट साफ नहीं हो पाता है। ऐसे में यदि किसी में नशे की लत है, तो उसमें बवासीर की स्थिति गंभीर हो सकती है। जंक फूड खाने में जितना स्वादिष्ट लगता है, उतना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है क्योंकि इनसे पौष्टिक चीजों की जगह फैट और अनावश्यक कार्बोहाइड्रेट होता है, जो शरीर को स्थूल बनाता है। ऐसे में बवासीर के रोगियों को जंक फूड के सेवन से विशेष परहेज करना चाहिए।
बाहरी खाने से बचें
बवासीर के रोगियों को बाहरी खाने से भी दूर रहना चाहिए। होटल या रेस्टोरेंट में मिलने वाले खाने में ज्यादा मसालें व तेल होता है, जिससे पाचन बिगड़ने का खतरा रहता है। साथ ही ऐसे लोगों को मांस खाने से भी बचना चाहिए, क्योंकि जो भी मांसाहारी खाना पकाया जाता है, वह तेज मसालों के साथ ही स्वादिष्ट लगता है।
बवासीर के मरीज इन चीजों का करें इस्तेमाल
बवासीर के रोगियों को हरी पत्तेदार सब्जियां खाना चाहिए, क्योंकि इनमें भरपूर मात्रा में कई एंटी ऑक्सीडेंट और पोषक तत्व होते हैं. पत्तेदार सब्जियां खाने से पाचन बेहतर होता है। बवासीर के मरीजों को पालक, पत्ता गोभी, शतावरी, फूलगोभी खीरा, गाजर, प्याज आदि का सेवन करना चाहिए। इसके अलावा उन्हें दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी पीना चाहिए, क्योंकि अधिक पानी पीने से टॉक्सिंस यानी विषाक्त पदार्थ पेशाब के जरिए बाहर निकल जाते हैं। वहीं, कब्ज की समस्या भी ठीक होती है और शौच के समय कम तकलीफ होती है। अगर आपको पाईल्स की समस्या है तो खान-पान के साथ थोड़ी सावधानी भी बरतें और चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।