नई दिल्ली। फिट इंडिया मूमेंट की शुरआत पीएम नरेंद्र मोदी ने करते हुए लोगों से इस अभियान को अपनी डेली लाइफ में एक रूटीन की तरह फॉलो करने को कहा जिससे हमारी जीवनशैली में कई तरह के बदलाव आये। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि कैसे धीरे-धीरे हम अपने फिटनेस के प्रति उदासीन होते जा रहे हैं। पीएम ने फिटनेस के लिए तकनीक का इस्तेमाल करने वाले लोगों पर तंज कसते हुए कहा कि आजकल हम चलते कम हैं, गिनते ज्यादा हैं। पीएम ने इंदिरा गांधी स्टेडियम में अभियान की शुरुआत करते हुए कहा कि आज हम तकनीक के भरोसे जीने लगे हैं। उन्होंने कहा कि फिटनेस हमारे जीवन के तौर-तरीकों रहन-सहन का अभिन्न अंग रहा है। उन्होंने कहा, ‘यह भी सच है कि समय के साथ फिटनेस को लेकर हमारे समाज में एक उदासीनता आ गई है।’ उन्होंने कहा कि फिटनेस को एक उत्सव के रूप में मानक के तौर पर स्थापित करें।
पीएम ने तकनीक के भरोसे रहने वाले लोगों पर कसा तंज
पीएम ने तकनीक के भरोसे रहने वाले लोगों पर तंज कसते हुए कहा, ‘तकनीक ने हमारी ऐसी हालत कर दी है कि हम चलते कम हैं और गिनते ज्यादा हैं। तकनीक हमें गिनकर बताती है कि आज आप इतने स्टेप चले हैं। मोबाइल पर कदम गिन रहे हैं। कुछ लोग डेली लाइफ में इतने व्यस्त हैं कि फिटनेस पर ध्यान ही नहीं देते हैं और भरपूर खाते हुए डायटिंग पर चर्चा खूब करते हैं। कुछ लोग मोबाइल पर फिटनेस वाला ऐप डाउनलोड करने में सबसे आगे होते हैं लेकिन कुछ दिन बाद देखते ही नहीं हैं।’ उन्होंने कहा कि कुछ लोग फिटनेस के लिए घर में एक बड़ा जिम रखते हैं लेकिन उसकी सफाई के लिए एक नौकर भी रखते हैं क्योंकि वो कभी खुद साफ नहीं कर सकते हैं। बाद में फिर वे उसे भूल भी जाते हैं। यानी ढाक के तीन पात।’
पीएम ने उदाहरण देकर बताया….
पीएम ने कहा कि समय कैसे बदला उसका एक उदाहरण देता हूं। कुछ दशक पहले तक एक सामान्य व्यक्ति एक दिन में 8-10 किलोमीटर पैदल चल लेता था। जीवन में शारीरिक गतिविधि सहज हुआ करती थी। पर तकनीक बदली, आधुनिक साधन आए और हमारा पैदल चलना और मेहनत करना कम हो गया।’
बदलाव का नाम ही फिट इंडिया मूवमेंट
पीएम ने कहा कि आज देश में जीवनशैली से जुड़ी बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाई बीपी बढ़ रही है। ये बीमारियां जीवनशैली में गड़बड़ी के कारण हो रही हैं। इसे ठीक कर हम इन बीमारियों को ठीक भी कर ककते हैं। कई ऐसी बीमारियां हैं, जिसे हम छोटे बदलाव करके दूर कर सकते हैं। ऐसे बदलाव का नाम ही फिट इंडिया मूवमेंट है। उन्होंने कहा कि यह बदलाव केवल भारत में ही नहीं पूरे विश्व में आ रहे हैं।