नई दिल्ली। सर्दी का सितम भले ही अभी जारी है लेकिन राजनीतिक गलियारों में गर्मी चढ़ने लग है। जैसे-जैसे लोकसभा चुनाव की तारीखें करीब आती जा रही है राजनेताओं की भाषणबाजी बढ़ती जा रही है। बुधवार को दिल्ली में हुई विपक्षी दलों की रैली में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर विवादित बयान दिया है।
केजरीवाल ने कहा कि प्रधानमंत्री का पद बहुत अहम पद है, पिछली बार आपने 12वीं पास को प्रधानमंत्री बना दिया था, लेकिन इस बार दोबारा ऐसा मत करिएगा। केजरीवाल यहीं नहीं रुके उन्होंने कहा कि 12वीं पास के व्यक्ति को इस बात की भी जानकारी नहीं होती है कि उसे हस्ताक्षर कहां करना है।
केजरीवाल ने यह विवादित बयान बुधवार को एक रैली के दौरान दिया। उन्होंने कहा कि इस बार किसी ऐसे व्यक्ति को प्रधानमंत्री बनाइए जोकि पढ़ा लिखा हो। पढ़ा-लिखा व्यक्ति प्रधानमंत्री पद के लिए कहीं बेहतर होगा। इस दौरान केजरीवाल ने राफेल डील को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला बोला और कहा कि उनपर इस डील में भ्रष्टाचार का आरोप है। बता दें कि दिल्ली में तानाशाही हटाओ, लोकतंत्र बचाओ रैली का आयोजन किया गया था। इस रैली में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, शरद पवार, चंद्रबाबू नायडू समेत कई विपक्षी दलों के नेता मौजूद थे।
रैली में केजरीवाल ने कहा कि उनकी प्रदर्शन रैली मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगी। यह धरना उसी तरह से मोदी सरकार को उखाड़ फेंकेगा जिस तरह से 14 अप्रैल 2011 को जंतर-मंतर पर हुए आंदोलन के बाद यूपी की तत्कालीन सरकार का जाना पड़ा था। राफेल डील को लेकर मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए केजरीवाल ने कहा कि अधिक कीमतों पर राफेल की खरीद के लिए खुद प्रधानमंत्री सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। इस दौरान रक्षा मंत्रालय के कथित कागज और फाइलों को दिखाते हुए केजरीवाल ने कहा कि नरेंद्र मोदी ने खुद राफेल कंपनी से बात की थी।