मुंबई। कोरोनावायरस संक्रमण (COVID-19) का देश के बहुत से लोग सामना कर रहे हैं और इन्ही में से कुछ लोग इस बीमारी के साथ जंग जीतने की अपनी कहानियों को सोशल मीडिया के माध्यम से शेयर भी कर रहे हैं। उनके बताये हुए टिप्स के जरिए कई दूसरे मरीजों को भी कोरोनावायरस से लड़ने में मदद मिल रही है। इसी बीच मुंबई में रहने वाली एक लड़की ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक के बाद एक 35 ट्वीट करते हुए कोरोनावायरस से अपनी और अपने परिवार की जंग के बारे में बताया है।
दरअसल, मिथिला फड़के ने अपने पूरे परिवार की कोरोनावायरस संक्रमण से जंग के बारे में सोशल मीडिया पर बताया है। उन्होंने बताया कि किस तरह से इस मुश्किल घड़ी में उनका परिवार एक दूसरे का साथ देता रहा और सभी ने घर में इलाज किया और मिलकर इस बीमारी को मात दे दी।
मिथिला ने अपने पहले ट्वीट में लिखा कि मेरा परिवार मुंबई के विले पार्ले में रहता है। मैं, मेरी छोटी बहन और माता-पिता। लॉकडाउन शुरू होने के बाद हमारे घर से हफ्ते में केवल एक बार घर का जरूरी सामान लेने के लिए पापा बाहर जाते थे।
अपने ट्वीट्स में मिथिला ने बताया कि संक्रमण के लक्षण नजर आने के बाद उन्होंने बीएमसी अधिकारियों से लेकर मेडिकल प्रोफेशनल्स तक सभी से मदद मांगी लेकिन कोविड-19 के लिए टेस्ट होने में भी बहुत अधिक समय लगा। यहां तक कि जब तक उनकी टेस्ट की रिपोर्ट आई तब तक उनके घर में सभी लोग कोविड-19 से ठीक होना शुरू हो गए थे।
मिथिला ने बताया कि सबसे पहले उनकी छोटी बहन में संक्रमण के लक्षण नजर आए थे। मिथिला ने लिखा, ”एक दिन दोपहर के वक्त उसे काफी घबराहट हो रही थी और इसलिए वह सोने चली गई। इसके बाद उसे अधिक तेज बुखार हो गया। सिर में दर्द और गले में दर्द जैसे लक्षण भी नजर आने लगे।
उसके बाद मिथिला ने लिखा, ”इसके बाद हम सब बीमार हो गए और किस्मत से हमारे एक रिश्तेदार का 1 कमरे का फ्लैट हमें मिल गया था क्योंकि उनकी मौत कुछ वक्त पहले ही हुई थी और फ्लैट खाली था। इसलिए हमने घर में सभी के बेड्स के बीच दूरी बनाई और एक दूसरे को मुश्किल वक्त में हिम्मत देते रहे।
मिथिला ने यह भी बताया कि उनका परिवार ऑर्डर किए गए कुछ सामान की वजह से कोविड-19 के संपर्क में आया था। इसलिए उन्होंने सोशल मीडिया पर लोगों को वॉर्निंग दी कि किसी भी तरह की डिलीवरी लेते वक्त अधिक सावधानी बरतें और खुद एक बार पैकेज को सेनेटाइज करें।
मिथिला द्वारा सोशल मीडिया पर शेयर की गई जानकारी कई लोगों के काफी काम आ रही है और उन्हें इस बीमारी से लड़ने के लिए उम्मीद दे रही है। वहीं कई लोग मिथिला की सराहना कर रहे हैं क्योंकि उन्होंने और उनके परिवार ने एक साथ मिलकर इस बीमारी को हराया और एक दूसरे की हिम्मत बांधी।
साथ ही मिथिला के अनुभव ने लोगों के सामने कोविड-19 संक्रमण को लेकर प्रशासन के काम की हकीकत भी लोगों के सामने रख दी है। पेपरवर्क में देरी होने से लेकर टेस्ट के नतीजे आने तक और परिवार के कोविड-19 पॉजिटिव आने के बाद भी बिल्डिंग को सील नहीं करने तक, प्रशासन द्वारा किसी तरह की सावधानी नहीं बरती गई।
हालांकि, अब उनका परिवार क्वारंटाइन से बाहर और पूरी तरह से स्वस्थ है।