हाइलाइट्स
- 3 मंत्रियों पर कांग्रेस पार्टी का बड़ा एक्शन
- प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए गए पायलट
- डिप्टी सीएम पद से भी हटाए गए सचिन पायलट
- तीन मंत्रियों को मंत्रिमंडल से निकाला गया
- सचिन पायलट पर कांग्रेस का वार
राजस्थान.कांग्रेस पार्टी ने सचिन पायलट पर एक्शन लेते हुए उन्हें उपमुख्यमंत्री पद और कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष के पद से हटा दिया है. साथ ही सचिन पायलट के समर्थन वाले मंत्रियों को भी हटा दिया गया है. इसी के साथ अब अशोक गहलोत एक बार फिर इस सियासी दंगल में विजेता बनकर सामने आए हैं.
कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि सचिन पायलट भ्रमित होकर बीजेपी के जाल में फंस गए और कांग्रेस सरकार गिराने में लग गए. पिछले 72 घंटे से कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट और अन्य नेताओं से संपर्क करने की कोशिश की. कांग्रेस की ओर से लगातार सचिन पायलट को मनाने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने लगातार हर बात को नकारा.
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी ने एक षडयंत्र के तहत राजस्थान की 8 करोड़ जनता के सम्मान को चुनौती दी है. बीजेपी ने साजिश के तहत कांग्रेस की सरकार को अस्थिर कर गिराने की साजिश की है. बीजेपी धनबल और सत्ताबल से कांग्रेस पार्टी और निर्दलीय विधायकों को खरीदने की कोशिश की है.
सचिन पायलट और उनके साथ गए विधायकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विधायक दल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर दिया गया है. विधायकों ने हाथ उठाकर प्रस्ताव पारित किया है, इस प्रस्ताव को अनुशासनात्मक कमेटी को भेजा जा रहा है. उसके बाद सारे विधायकों को नोटिस जारी किया जाएगा.
भारतीय जनता पार्टी की ओर से अब सचिन पायलट को ऑफर दिया गया है. ओम माथुर का कहना है कि सचिन पायलट अगर बीजेपी में आते हैं तो उनका स्वागत है. वहीं राजस्थान में बीजेपी की ओर से अभी वेट एंड वॉच की स्थिति बरती है और फ्लोर टेस्ट की तुरंत मांग से इनकार किया है.
कांग्रेस पार्टी की ओर से बार-बार विधायकों को चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई भी शामिल नहीं हुआ. कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि उन्होंने सचिन पायलट से बात करने की कोशिश की है. लेकिन वो बैठक में शामिल नहीं हो रहे हैं, ऐसे में अब बातचीत के रास्ते बंद होते हुए दिख रहे हैं.
अपनी बात मनवाने पर अड़ा पायलट गुटराजस्थान में सचिन पायलट का गुट अपनी बात पर अड़ गया है. पायलट गुट के विधायकों ने कहा कि जब तक मान सम्मान की गारंटी नहीं होगी, तब तक वापसी नहीं होगी और मान-सम्मान तब तक वापस नहीं मिलेगा जब तक लीडरशिप चेंज नहीं होगा.
सचिन पायलट के समर्थक विधायकों का लगातार अशोक गहलोत पर हमला करना जारी है. मुकेश भाकर ने सोमवार रात को ट्वीट किया.
बैठक से पहले कांग्रेस नेता अविनाश पांडे ने सचिन पायलट से बैठक में आने की अपील की है. उन्होंने ट्वीट किया कि मैं श्री सचिन पायलट और उनके सभी साथी विधायकों से अपील करता हूं कि वे आज की विधायक दल की बैठक में शामिल हों. कांग्रेस की विचारधारा और मूल्यों में अपना विश्वास जताते हुए कृपया अपनी उपस्थिति निश्चित करें व श्रीमती सोनिया गांधी जी व श्री राहुल गांधी जी के हाथ मज़बूत करें.
सचिन पायलट का आज की बैठक में आना भी मुश्किल दिखाई पड़ रहा है. सचिन पायलट के करीबी एक सूत्र का कहना है, ‘इस मामले के निपटारे के लिए हाईकमान की ओर से सही एक्शन नहीं लिया गया है, हमें आश्वासन नहीं मिला है कि हमारी बातें सुनी जाएंगी या नहीं.’ सूत्र की मानें तो सचिन पायलट के संकेतों से साफ है कि वो राज्य की लीडरशिप में बदलाव चाहते हैं और उससे कम पर नहीं मानेंगे. पायलट के करीबी ने कहा कि पार्टी के नेतृत्व को हमारी चिंताओं के बारे में पता है, हम इंतजार कर रहे हैं कि कब उसपर एक्शन शुरू होगा.
अशोक गहलोत ने दिखाई ताकत, फिर होगी बैठक जयपुर में सोमवार को कांग्रेस विधायक दल की बैठक हुई, जिसमें सौ से अधिक विधायकों को साथ लेकर अशोक गहलोत ने अपनी ताकत दिखाई. साथ ही साफ कर दिया कि विधायक उनके साथ हैं. लेकिन अब एक बार फिर आज पार्टी ने बैठक बुलाई है. जिसमें सचिन पायलट समेत अन्यों को न्योता दिया गया है.
इस बीच कांग्रेस नेतृत्व सचिन पायलट से बात करने की कोशिश कर रहा है. सूत्रों की मानें तो सचिन पायलट मुख्यमंत्री पद को लेकर अड़ गए हैं और आश्वासन चाहते हैं. ऐसे में अब देखना होगा कि वह कब तक इस तरह अलग रहते हैं और कब कोई फैसला लेते हैं.