मुंबई। देश कि किसानों की दशा और दिशा सुधारने की दिशा लगे पीएम मोदी हर किसानों कि लिए कुछ नया करने कि प्रयास कर रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि सुधार कानूनों को ऐतिहासिक करार देते हुए मंगलवार को कहा कि देश में पहली बार किसी सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने की चिंता की है और इस दिशा में निरंतर प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार किसानों को अन्नदाता की भूमिका से आगे ले जाकर ‘‘उद्यमी’’ बनाने की ओर प्रयास कर रही है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बालासाहेब विखे पाटिल की आत्मकथा का वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए विमोचन करने के बाद अपने संबोधिन में प्रधानमंत्री ने ये बातें कहीं। इस अवसर पर उन्होंने‘ प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी’ का नाम बदलकर लोकनेते डॉ बालासाहेब विखे पाटिल प्रवर रूरल एजुकेशन सोसाइटी भी रखा।
इस कार्यक्रम में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पूर्व मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस सहित विखे पाटिल परिवार के सदस्य भी मौजूद थे। कृषि व सहकारिता के क्षेत्र में बालासाहेब विखे पाटिल के योगदान की सराहना करते हुए मोदी ने कहा कि गांव, गरीब, किसान का जीवन आसान बनाना, उनके दुख, उनकी तकलीफ कम करना, विखे पाटिल के जीवन का मूलमंत्र रहा। मोदी ने कहा, ‘‘उन्होंने सत्ता और राजनीति के जरिए हमेशा समाज की भलाई का प्रयास किया। उन्होंने हमेशा इसी बात पर बल दिया कि राजनीति को समाज के सार्थक बदलाव का माध्यम कैसे बनाया जाए, गांव और गरीब की समस्याओं का समाधान कैसे हो।’’
प्रधानमंत्री निरंतर किसानों की आवाज़ बनकर उनकी बात रखते आ रहे हैं। कृषि बिल पास होने कि बाद जहां उन्होंने एक नए भारत की बात कही वहीं किसानों की स्थिति सुधारने का दावा भी किया।