नई दिल्ली। निर्भया गैंगरेप और हत्या मामले में चारों दोषियों में से तीन ने अपनी फांसी टालने के लिए अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाया है। बताया जा रहा है कि दोषी अक्षय, पवन और विनय ने अंतरराष्ट्रीय कोर्ट (International Court of Justice) में अर्जी लगाई है और पत्र लिखकर फांसी टालने की अपील की है। दोषियों के वकील एपी सिंह ने कहा है कि फांसी की सजा के खिलाफ दुनियाभर के विभिन्न संगठनों ने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है।
राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की इजाजत की मांग
एपी सिंह ने बताया कि इस केस में दुनियाभर के लोग इंट्रेस्ट ले रहे हैं। विदेशों में बसे लोगों को भारतीय न्याय-व्यवस्था पर भरोसा नहीं है। इसलिए उन्होंने आईसीजे का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने कहा कि चारों दोषियों और उनके परिजनों को भारतीय न्याय-व्यवस्था और राष्ट्रपति पर भरोसा है। परिवार के लोग चाहते हैं कि राष्ट्रपति चारों दोषियों को इच्छामृत्यु की इजाजत दें।
आईसीजे में सिर्फ अंतरराष्ट्रीय विवादों की सुनवाई
आईसीजे में केवल दो या उससे अधिक देशों के विवाद का केस सुना जाता है। जानकारों का मानना है कि निर्भया के दोषियों का केस व्यक्तिगत है, इसलिए कम ही उम्मीद है कि आईसीजे इसपर सुनवाई के लिए विचार करे।
20 मार्च को होनी है फांसी
चारों दोषियों को 20 मार्च को सुबह साढ़े 5 बजे फांसी दी जानी है। इससे पहले सोमवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने दोषी मुकेश सिंह की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने अपने सभी कानूनी उपायों को यह कहते हुए बहाल करने का अनुरोध किया था कि उसके पुराने वकील ने उसे गुमराह किया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सभी कानूनी उपायों को बहाल करने का अनुरोध करने वाली निर्भया मामले के दोषी मुकेश सिंह की याचिका विचार करने लायक नहीं है।