नई दिल्ली अवैध घुसपैठियों को देश से बाहर करने के वादे पर बीजेपी जहां इस बार का लोकसभा चुनाव लड़ रही है, वहीं बीजेपी के ही एक उम्मीदवार ने नागरिकता संशोधन विधेयक के लागू होने पर जान देने की धमकी दी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने आत्महत्या करने की चेतावनी दी है। मेघालय के शिलॉन्ग से बीजेपी उम्मीदवार सनबोर शुल्लाई ने गुरुवार को कहा, ‘जब तक मैं जिंदा हूं, नागरिकता संशोधन विधेयक को लागू नहीं होने दूंगा। मैं अपनी जान दे दूंगा। मैं नरेंद्र मोदी के सामने आत्महत्या कर लूंगा।
उधर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने गुरुवार को कहा, ‘हमारा आपसे वादा है कि हर एक घुसपैठिए को बाहर निकालने के लिए देशभर में एनआरसी को लागू करेंगे। हम ममता बनर्जी की तरह घुसपैठियों को वोट बैंक की तरह इस्तेमाल नहीं करते। हमारे लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है। हम यह सुनिश्चित करेंगे कि देश के हर एक हिंदू और बौद्ध शरणार्थी को नागरिकता मिले।’
क्या होता है ? नागरिक संशोधन
नागरिकता (संशोधन) विधेयक, 2016 का हाल ही में पूर्वोत्तर राज्यों और खासकर असम में बहुत विरोध हुआ। यह बिल लोकसभा में ‘नागरिकता अधिनियम’ 1955 में बदलाव के लिए लाया गया था। केंद्र सरकार ने इस विधेयक के जरिए अफगानिस्तान, बांग्लादेश और पाकिस्तान के हिंदुओं, सिखों, बौद्धों, जैन, पारसियों और ईसाइयों को बिना वैध दस्तावेज के भारतीय नागरिकता देने का प्रस्ताव रखा था। इसके लिए उनके निवास काल को 11 वर्ष से घटाकर छह वर्ष कर दिया गया है। यानी अब ये शरणार्थी 6 साल बाद ही भारतीय नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं। ।