सूरत। भारतीय रेलवे में यह कॉन्सेप्ट पहली बार सूरत स्टेशन पर देखने को मिला ब्रिटिश कालीन ड्रेस की जगह नीली आसमानी ड्रेस पहनते दिखेंगे । जिसमें उनके नाम और उनके कॉन्ट्रेक्टर के नाम के साथ ही नो बिल नो पेमेंट कैंपेन को प्रमोट करने के साथ खानपान शिकायत नंबर भी लिखा है। वेंडर भुगतान करने के बाद बिल नहीं देता है तो उसी की टीशर्ट पर लिखे नंबर पर शिकायत की जा सकेगी।वेंडर्स की ओवर चार्जिंग को रोकने के लिए इस ड्रेस पर उनकी आइडेंटिटी भी लिखी होगी। यह प्रायोगिक तौर पर सूरत स्टेशन से शुरू किया गया है। मुंबई मंडल की सीनियर डीसीएम जागृति सिंगला ने इसे मंजूरी दी। इसके अलावा यात्रियों के डिजिटल पेमेंट मोड को लेकर भी इसमें भीम को प्रोमोट किया गया।
निरीक्षण के दौरान छह स्टाॅल पर लगाया गया जुर्माना
निरीक्षण के दौरान साफ सफाई की कमी के चलते और नो बिल नो पेमेंट में बिल नहीं इश्यू करने पर स्टेशन के एमएल गुप्ता वेंडर्स पर 2500, रवि भारद्वाज वेंडर्स पर 2000, मसूद अहमद वेंडर्स पर 2000, महेश चंद्र एंड कम्पनी पर 500, गौरीशंकर एंड कम्पनी पर 1000 और गौरीशंकर टी स्टाॅल पर 1000 का जुर्माना लगाया।
नो बिल नो पेमेंट के तहत मुफ्त में सामान दिया गया
सूरत स्टेशन पर बुधवार को अभियान के शुरू होने से पहले एसीएम प्रकाश परमार, सीएमआई गणेश जाधव और डिप्टी एसएस आनंद शर्मा ने सभी कैटरिंग स्टाॅल्स का निरीक्षण किया, जिसमें प्लेटफार्म के 6 वेंडर्स के स्टाॅल पर साफ सफाई की कमी पाई गई। जबकि, नो बिल नो पेमेंट के तहत यात्रियों को बिल भी नहीं इश्यू किया गया। जिसके बाद लगभग 20 यात्रियों को नो बिल नो पेमेंट के तहत मुफ्त में सामान दिलाया गया।
स्टेशन पर अनाधिकृत और बाहरी वेंडर्स की मनमानी पर रोक लगाना है मकसद
सूरत स्टेशन के निदेशक सीआर गरुडा और वाणिज्य निरीक्षक गणेश जाधव ने बताया कि नई ड्रेस का मकसद स्टेशन पर अनाधिकृत और बाहरी वेंडर्स की मनमानी पर रोक लगाना है। नो बिल नो पेमेंट कैंपेन पूरे भारतीय रेल में चल रहा है, इसलिए हमने ड्रेस पर नो बिल नो पेमेंट नो टिप्स स्लोगन और खानपान में अगर कोई गड़बड़ी मिलती है तो इसके लिए एक शिकायत नंबर लिखा है।