नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीन के सैनिकों के बीच हुई झड़प के काफी देर बाद सरकार की ओर से बयान आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 19 जून को इस मुद्दे पर सर्वदलीय बैठक बुलाई है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने बुधवार को कहा कि गलवान घाटी में सैनिकों को खोना बेहद परेशान करने वाला और दर्दनाक है। हमारे सैनिकों ने साहस और वीरता का प्रदर्शन किया और भारतीय सेना की सर्वोच्च परंपरा को निभाते हुए अपने जीवन का बलिदान दिया। राष्ट्र उनकी बहादुरी और बलिदान को कभी नहीं भूलेगा।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि मेरी संवेदनाएं जान गंवाने वाले सैनिकों के परिवारों के साथ हैं। राष्ट्र इस कठिन समय में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा है। हमें भारत के सैनिकों की बहादुरी और साहस पर गर्व है।
सोमवार रात हुई थी हिंसक झड़प
15-16 जून की रात लद्दाख में 14 हजार फीट ऊंची गलवान घाटी में भारत और चीन के जवानों के बीच हिंसक झड़प हुई। यह हमला पत्थरों, लाठियों और धारदार चीजों से किया गया। भारत के कमांडिंग अफसर समेत 20 जवान शहीद हो गए, 135 जख्मी है। 4 की हालत गंभीर है।

चीन के भी 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए
सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि चीन के 40 से ज्यादा सैनिक मारे गए हैं, जिनमें यूनिट का कमांडिंग अफसर भी शामिल है। यह अफसर उसी चीनी यूनिट का था, जिसने भारतीय जवानों के साथ हिंसक झड़प की।
चीन के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन
दिल्ली में चीनी दूतावास के बाहर स्वदेशी जागरण मंच के सदस्यों और कुछ पूर्व सैनिकों ने विरोध प्रदर्शन। इनकी मांग की थी सरकार चीन के खिलाफ कार्रवाई करे और चीनी उत्पादों को बहिष्कार किया जाए। पुलिस ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को हिरासत में लिया।