नयी दिल्ली। देश की अग्रणी वाहन विनिर्माता कंपनी मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर सी भार्गव ने भारत एवं जापान के बीच की साझेदारी को सफल बताते हुए कहा है कि अगर दोनों देश विनिर्माण क्षेत्र में पूरे भरोसे और भागीदारी के साथ काम करते हैं तो वे दुनिया में सबसे अच्छे साबित होंगे। भार्गव ने कहा कि भारत और जापान के बीच बढ़ती साझेदारी भारतीय विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि के लिए एक बड़ा सकारात्मक कारक होने वाली है। मारुति सुजुकी कंपनी के साथ भारत और जापान ने चार दशक पहले वाहन विनिर्माण में साझेदारी की शुरुआत की थी।
भार्गव ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि मारुति सुजुकी और कुछ अन्य क्षेत्रों में हमें देखने को मिली भारत-जापान साझेदारी धीरे-धीरे मजबूत हो रही है। अब अधिक संख्या में जापानी कंपनियां भारत में निवेश के लिए दिलचस्पी दिखा रही हैं और वे भारतीय कंपनियों से साझेदारी कर रही हैं।’’ उन्होंने कृषि एवं निर्माण उपकरण बनाने वाली कंपनी एस्कार्ट्स कुबोता का जिक्र करते हुए कहा कि अब कुबोता इस इकाई में एक प्रवर्तक बन गई है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि भारत और जापान के बीच इस तरह की साझेदारी भारतीय विनिर्माण की वृद्धि के लिए एक बड़ा सकारात्मक कारक होने वाली है।’’
उन्होंने कहा कि जापानी साझेदारों से उनके कौशल, बेहतरीन कामकाजी शैली और प्रबंधन प्रणाली के बारे में बहुत कुछ सीखा जा सकता है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वैश्विक हालात कुछ उस दिशा में जा रहे हैं जो भारत के अनुकूल है। इसमें सरकार की तरफ से उठाए गए विभिन्न सुधारात्मक कदमों की भी अहम भूमिका है। भार्गव ने कहा, ‘‘जब दुनिया यह देखती है कि भारत भी बदल रहा है और विनिर्माण क्षेत्र में प्रतिस्पर्द्धी बनने से उसे रोकने वाले पहलू भी अब बदल रहे हैं तो वे यह भी देखेंगे कि भारत शायद अब दुनिया का सर्वाधिक प्रतिस्पर्द्धी विनिर्माण स्थल होने वाला है।’’
उन्होंने भारत के पास सक्षम कार्यबल को एक बड़ी ताकत बताते हुए कहा, ‘‘कुछ छोटे देश बहुत अच्छे हो सकते हैं लेकिन उनके पास वह श्रमशक्ति नहीं है जो हमारे पास है। ऐसे में अगर भारत और जापान मिलकर काम करते हैं तो इस गठजोड़ को कोई मात नहीं दे सकता है।’’ भारतीय यात्री वाहन बाजार के 43 फीसदी हिस्से पर कब्जा रखने वाली मारुति सुजुकी के प्रमुख ने कहा, ‘‘अगर भारत और जापान पूरी भागीदारी और विश्वास के साथ काम करते हैं तो मुझे नहीं लगता है कि चीन समेत कोई भी दूसरा देश हमसे बेहतर कर सकता है।