भोपाल। मध्य प्रदेश के सीएम कमलनाथ के करीबी सहयोगियों प्रवीण कक्कड़ पर आयकर विभाग की छापेमारी पर थमा बवाल अभी खत्म भी नहीं हुआ है कि अब आयकर विभाग के रडार पर कक्कड़ के एक करीबी सहयोगी आ गए हैं। आयकर विभाग आज प्रवीण कक्कड़ के करीबी अश्विन शर्मा के घर छापेमारी कर रही है। शर्मा के घर छापेमारी में कई जानवरों के सींग और खालें बरामद हुई हैं। जानवरों की खाल की सूचना के बाद वन विभाग की टीम भी यहां पहुंच गई है।
इस बीच आयकर विभाग ने बताया कि छापों के दौरान करीब 281 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी का पता लगाया है। इस बड़ी कार्रवाई को आयकर विभाग के 300 अधिकारियों ने अंजाम दिया। इस दौरान चार राज्यों में 52 ठिकानों पर विभाग ने कार्रवाई की। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का कहना है कि नकदी का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली में बड़े राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा जाना था। विभाग ने कमलनाथ के करीबी कक्कड़ के इंदौर और भोपाल स्थित घर तथा दफ्तर में भी छापे मारे।
4 राज्यों में 52 ठिकानों पर छापा
इसके अलावा दिल्ली में एमपी सीएम कमलनाथ के करीबी के घर भी छापा मारा गया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) का कहना है कि नकदी का एक बड़ा हिस्सा दिल्ली में बड़े राजनीतिक दल के मुख्यालय तक भेजा जाना था। छापे के दौरान अधिकारियों ने 14।6 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी बरामद की और मध्य प्रदेश और दिल्ली के बीच हुए संदिग्ध भुगतान से जुड़ी डायरी और कंप्यूटर फाइलें अपने कब्जे में ली हैं। आयकर विभाग की टीम ने अब तक चार राज्यों के 52 ठिकानों पर छापेमारी की है।
कमलनाथ के पूर्व ओएसडी के घर पहले ही पड़ चुका है छापा
सीबीडीटी ने कहा कि विभाग को 20 करोड़ रुपये की संदिग्ध नकदी के तुगलक रोड पर रहने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति के घर से दिल्ली की बड़ी राजनीतिक पार्टी के मुख्यालय तक कथित तौर पर जाने के सुराग भी मिले हैं। बता दें कि आयकर विभाग ने रविवार को ही कमलनाथ के पूर्व OSD प्रवीण कक्कड़ के घर रात में 3 बजे छापेमारी की थी। यह आय से अधिक संपत्ति का मामला बताया जा रहा था। कक्कड़ के खिलाफ कई मामलों में पहले से जांच की जा रही थी।
कमलनाथ के है सब करीबी जिनके यहां पड़ा है छापा
जिन लोगों के परिसरों की तलाशी ली गई, उनमें कमलनाथ के पूर्व विशेष कार्याधिकारी प्रवीण कक्कड़, पूर्व सलाहकार राजेंद्र मिगलानी, अश्विनी शर्मा, पारसमल लोढ़ा, उनके बहनोई की कंपनी मोजर बेयर से जुड़े अधिकारी और उनके भांजे रतुल पुरी शामिल हैं। कमलनाथ ने इन छापों पर रविवार को तीखी प्रतिक्रिया दी थी। उन्होंने कहा था, ‘आयकर छापों के बारे में स्थिति अब तक स्पष्ट नहीं है। स्थिति स्पष्ट होने के बाद ही उस पर बोलना उपयुक्त होगा। लेकिन पूरा देश जानता है कि पिछले पांच साल के दौरान कैसे संविधानिक संस्थाओं का दुरुपयोग किया गया और किनके खिलाफ उनका इस्तेमाल किया गया।’
केंद्र पर भड़के कमलनाथ
मुख्यमंत्री के बयान में कहा गया था, ‘इन संस्थाओं का इस्तेमाल लोगों को डराने के लिए किया गया। जब उनके पास विकास और अपने कामकाज के बारे में कहने के लिए कुछ नहीं है तो उन्होंने अपने विरोधियों के खिलाफ इस प्रकार की तरकीब अपनाई।’