ट्रेवल डेस्क। उत्तर भारत में मॉनसून आने वाला है, ऐसे में रिमझिम फुहारों का मजा लेने के लिए आप कहीं दूर जाने की बजाए एमपी के इन डेस्टिनेशंस के बारे में भी सोच सकते हैं। अगर आप भी अडवेंचरस हैं और बारिश में भीगना आपको पसंद है तो हम आपको बता रहे हैं एमपी के ऐसे 5 डेस्टिनेशंस के बारे में जहां आप खूबसूरत नजारों के साथ ही बारिश का भी मजा ले सकते हैं।।।
मानसून में गुलजार होता पचमढ़ी
यदि आप नेचर लवर और प्रकृति को करीब से देखने की ख्वाहिश संजोए बैठे हैं तो एमपी का बेहद खूबसूरत डेस्टिनेशन पचमढ़ी आपका इंतजार कर रहा है। राजधानी भोपाल से 200 किमी दूर यह हिल स्टेशन मॉनसून में और भी खूबसूरत हो जाता है। सतपुरा की पहाड़ियों से घिरा यह हिल स्टेशन मॉनसून के मौसम में पर्यटकों से गुलजार हो जाता है।
मांडू में अफगान आर्किटेक्चर और खूबसूरत हरियाली
वैसे तो यहां साल भर ही मौसम सुहावना रहता है, लेकिन बारिश के मौसम में यहां का नजारा देखने लायक होता है। अफगान आर्किटेक्चर के बेहतरीन नमूने यहां के किलों को बारिश के मौसम में हरियाली चारों ओर से घेर लेती है। ऐसे में हरे-भरे माहौल में ऐतिहासिक स्थलों के दर्शन करने का मजा ही कुछ और है। यह इंदौर से मात्र 90 किमी दूर स्थित है।
भेड़ाघाट में धुंआधार वाटरफॉल्स
जबलपुर का भेड़ाघाट एमपी के रमणीय स्थलों में से एक है। यहां स्थित धुआंधार वाटर फॉल्स किसी विदेशी लोकशन से कम नहीं है। यहां नर्मदा नदी का पानी झरने के रूप में काफी ऊंचाई से गिरता है। रात में चांद की रोशनी में संगमरमर की ऊंची-ऊंची चट्टानें भेड़ाघाट की खूबसूरती में चार चांद लगा देती हैं। यह स्थान जबलपुर से मात्र 23 किमी दूर स्थित है।
भोपाल है झीलों का शहर
एमपी की राजधानी भोपाल भी अपने आप एक बेहतरीन टूरिस्ट स्पॉट हैं। भोपाल को झीलों की नगरी भी कहा जाता है। यहां की झीलें बरसात के मौसम में और भी मनभावन हो जाती हैं। पर्यटक यहां छोटा तालाब, बड़ा तालाब, भीम बैठका, अभयारण्य, शहीद भवन और भारत भवन देखने के लिए आते हैं। यहां से करीब 28 किमी दूर भोजपुर मंदिर भी काफी लोकप्रिय पर्यटन स्थल है।