पटना। मुंगेर में हिंसा भड़कने के बाद वहां के एसपी और डीएम को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। दरअसल मुंगेर में दो दिन पहले मां दुर्गा की प्रतिमा विसर्जन के दौरान उपद्रव की घटना हुई थी। इस घटना में गोली लगने से एक युवक की मौत हो गई थी जबकि कई लोग घायल हो गए थे। इस घटना के दो दिन बाद गुरुवार को फिर से शहर में हिंसा की खबरें आई थी। भीड़ ने कई पुलिस थानों को निशाना बनाते हुए रोड़ेबाजी और आगजनी की थी साथ ही एसपी लिपि सिंह के दफ्तर को भी निशाना बनाया। इस घटना के बाद बिहार निर्वाचन आयोग ने कड़ी कार्रवाई करते हुए मुंगेर की एसपी लिपि सिंह और डीएम राजेश मीणा को तत्काल प्रभाव से हटाने का आदेश जारी किया है।
निर्वाचन आयोग ने यह फैसला मुंगेर में लगातार भड़क रही हिंसा के बाद लिया है। इस घटना के बाद निर्वाचन आयोग ने पूरे मामले की जांच के भी आदेश दिए हैं जो कि मगध प्रमंडल के कमिश्नर असंगबा चुबा आव करेंगे। इस घटना को लेकर निर्वाचन आयोग ने 7 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट भी मांगी है और मुंगेर में नए डीएम और एसपी कि आज ही पोस्टिंग की जाएगी।
गुरुवार को मुंगेर के लोगों ने जिला मुख्यालय स्थित एसपी कार्यालय और एसडीओ आवास में जमकर तोड़फोड़ की। इस दौरान लोगों ने कई गाड़ियों में आग भी लगा दी है और थाने पर पथराव किया। मुंगेर में हुई इस घटना के बाद से फिर वहां की स्थिति सामान्य नहीं रह गई है। फिलहाल उपद्रव और आगजनी की घटना के बाद शहर का माहौल काफी तनावपूर्ण है। बिहार चुनाव के पहले चरण के मतदान से पूर्व हुई इस घटना को लेकर राज्य के सियासी दलों के नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी थी।
लोगों ने फायरिंग का आरोप पुलिस पर लगाया है और लगातार वहां की एसपी लिपि सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे। मुंगेर में हुई इस घटना के बाद से बिहार की राजनीति पूरी तरह से गरमा गई है। विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है। बुधवार को बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने भी इस मामले में कड़ी कार्रवाई के साथ ही उच्च न्यायालय के किसी रिटायर्ड जस्टिस से पूरे घटना की जांच की मांग की थी। सवाल ये उठता है कि इस तरह का माहौल बना कैसे?