चंद्रपुर। कोरोना संकटकाल में एक से एक बुरी खबर देखने को मिल रही है। समाज सेवा क्षेत्र की दिग्गज शख्सियत बाबा आमटे की पोती प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. शीतल आमटे-कर्जकी ने सोमवार सुबह आनंदवन आश्रम में आत्महत्या कर ली। एक अधिकारी ने यह जानकारी दी है। वारोरा पुलिस स्टेशन के पुलिस अधिकारी पी. पेंडारकर ने कहा, प्रारंभिक सूचना के अनुसार कथित तौर पर उन्होंने खुद को जहरीला इंजेक्शन लगाकर सोमवार सुबह अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। उन्हें तुरंत नजदीकी वारोरा ग्रामीण अस्पताल ले जाया गया था।
मैग्ससे पुरस्कार से सम्मानित मुरलीधर डी. आमटे उर्फ बाबा आमटे की पोती डॉ. शीतल महारोगी सेवा समिति की सीईओ थीं जिसने कुष्ठ रोगियों के बीच सराहनीय काम किया है। डॉ. शीतल आमटे-कर्जकी द्वारा उठाये गए इस अप्रत्याशित कदम के पीछे की कहानी जरूर भीभत्स रही होगी। वर्ना इतना खतरनांक कदम उठाने से पहले इंसान हज़ार बार सोचता है।